दिल्ली में दोबारा जीत के बाद अरविंद केजरीवाल के हौसला आसमान पर था लेकिन पंजाब में जीत के बाद इसकी कोई सीमा नहीं रह गई। फिलहाल आप सारे देश में अपना फोकस कर रही है। उनके निशाने पर गुजरात, हिमाचल प्रदेश के साथ राजस्थान भी आ गया है। पंजाब में उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के साथ शहीदे-ए-आजम भगत सिंह की फोटो सीएम दफ्तर में लगाकर संकेत भी दिया है कि उनकी राजनीति अब किस तरफ जा रही है। वो आसमान फतह करने की राह पर हैं।

केजरीवाल के हौंसलों को उड़ान तब मिली जब पांच चुनावी सूबों के परिणाम आए। बीजेपी के मुताबले में अभी तक कांग्रेस खड़ी नजर आती है। लेकिन पंजाब में जिस तरह से आप ने जीत हासिल की उससे एक संदेश साफ था कि बीजेपी के मुताबले में अब आप कांग्रेस से बड़ी ताकत बनती जा रही है। एक तरफ कांग्रेस बिखऱ रही है तो आप संगठित होती जा रही है।

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई का कहना है कि पंजाब जीत के बाद केजरीवाल को लग रहा है कि वो राष्ट्रीय नेता बन चुके हैं। उनको राजनीति में 10 साल हो चुके हैं। उन्हें लग रहा है कि विपक्ष में एक स्पेस है। वो उस खांचे में खुद को फिट करना चाहते हैं। राजदीप का कहना है कि केजरीवाल अपनी पहचान नेशनल लीडर के तौर पर बनाते दिख रहे हैं। भगत सिंह के जरिए राष्ट्रवाद और अंबेडकर के जरिए सामाजिक न्याय की लड़ाई का संदेश देना चाहते हैं। उनका संदेश है कि जो लोग कांग्रेस बीजेपी से ऊब गए हैं उन्हें वो खींचना चाहते हैं।

कश्मीर फाइल्स पर केजरीवाल के स्टैंड पर राजदीप का कहना था कि वो खुद को एंटी हिंदू नहीं दिखा रहा हैं बल्कि लोगों के ध्य़ान में ये चीज ला रहे हैं कि बीेजेपी सत्ता में होने के बाद भी कश्मीरी पंडितों को वापस क्यों नहीं भेज पा रही है। वो यहां भी फिल्म के जरिए अपने लिए एक स्पेस तलाश रहे हैं। वो दिखा रहे हैं कि वो न तो एंटी हिंदू हैं ओऔर न ही एंटी माइनॉरिटी। फिलहाल उनका लक्ष्य राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने का है।

आप के सांसद संजय सिंह का कहना है कि पंजाब का करिश्मा उनकी पार्टी राजस्थान में भी दोहराएगी। उनका कहना था कि जनता उनकी पार्टी से कभी निराश नहीं होगी। जहां भी उनकी सरकार बनेगी भ्रष्टाचार से मुक्त होगी। जनता उनके साथ है लेकिन बीजेपी में खलबली मच गई है। अरविंद केजरीवाल के प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर उनका कहना था कि ये काम जनता को तय करना है लेकिन केजरीवाल का जो दिल्ली मॉडल है उसकी धूम सारे देश में मची है। राजस्थान के सवाल पर उनका कहना था कि पंजाब का बॉर्डर राजस्थान से लगता है। वहां का असर राजस्थान में भी देखने को मिलने वाला है।

राजस्थान के प्रभारी विनय मिश्रा का कहना है कि वो बेशक दिल्ली के विधायक हैं लेकिन इस रेगिस्तानी इलाके को बखूबी समझते हैं। तमाम घोटालों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वो मेंबरशिप ड्राइव शुरू करने जा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि वो अपना सारा समय राजस्थान को देंगे। उनका कहना था कि पार्टी की लोकप्रियता का ये आलम है कि 200 सीटों के लिए 4 हजार आवेदन उनके पास हैं।