Nitin Gadkari News: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार को अदालतों में ले जाने वाले लोग ‘राजनीति में अनुशासन’ लाते हैं। उन्होंने कहा कि अदालती फैसले से जो हासिल हो सकता है, वह कभी-कभी एक मंत्री नहीं कर सकता है। गडकरी ने रविवार को यह बात नागपुर में आयोजित स्वर्गीय प्रकाश देशपांडे स्मृति कुशल संघटक पुरस्कार समारोह में उपस्थित लोगों से कही।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘रवि फडणवीस और मैं राजनीतिक रूप से कभी एकमत नहीं रहे। उन्होंने शिक्षा विभाग को बार-बार चुनौती दी, उन्हें अदालत में घसीटा, फैसलों को पलटा और मैं ईमानदारी से कहता हूं, हमें उनके जैसे लोगों की जरूरत है। ऐसे लोग जो सरकारों को जवाबदेह ठहराएं। अदालती मामले और फैसले अक्सर ऐसे बदलाव लाते हैं जो मंत्री नहीं ला सकते।’
मीडिया की भूमिका के बारे में बात की
नितिन गडकरी ने मीडिया की भूमिका के बारे में भी विस्तार से बात की। उन्होंने याद किया कि कैसे मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और बांद्रा-वर्ली सी लिंक जैसे प्रोजेक्ट्स के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों ने जोर पकड़ा। मेधा पाटकर के अभियान ने पूरे देश का ध्यान खींचा। इंग्लिश मीडिया ने भी हमारी आलोचना की। मैं उनमें से कुछ को घटनास्थल पर ले गया, और हमने देखा कि कैसे वर्ली के पास समुद्र का किनारा लगभग नाले में बदल गया था। इससे लोगों की सोच बदल गई।
नितिन गडकरी के कार्यक्रम का मुख्यमंत्री ने किया बहिष्कार
प्रकाश देशपांडे को दिया क्रेडिट
उन्होंने सरकार और मीडिया के बीच की खाई को पाटने में मदद करने के लिए एक बार फिर प्रकाश देशपांडे को क्रेडिट दिया। उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि कुमार केतकर, जो अक्सर हमारी आलोचना करते थे, प्रकाश से मिले और उनका नजरिया बदल गया। उन्हें एहसास हुआ कि ये फ्लाईओवर वास्तव में मुंबई के ट्रैफिक को बदल सकते हैं।’ देश में सड़क नेटवर्क में क्रांति लाने के लिए जाने जाने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता ने कहा कि ‘कुशल संगठनों’ ने शिक्षा क्षेत्र में गलत सरकारी फैसलों के खिलाफ कई अदालती मामले दायर किए और यहां तक कि कई मामलों में सरकार को अपने फैसले वापस लेने के लिए मजबूर किया। यूपी के इस शहर में एक और एक्सप्रेस-वे बनाने की तैयारी