राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर नाराजगी जताने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम को बीजेपी में शामिल होने का आमंत्रण मिला है। एक टीवी डिबेट के दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सैय्यद जफर इस्लाम ने कहा कि आचार्य प्रमोद कृष्णम मेरे बड़े भाई हैं और उनका बीजेपी में स्वागत है।

उन्होंने कहा, “आज आचार्य प्रमोद कृष्णम का दर्द छलका तो दिल थोड़ा नम हो गया। मैंने उनकी जो बातें सुनीं कि आचार्य हिंदू शब्द है, तो लोग कहने से कतराते हैं। बड़े खुले दिल से मैंने पार्टी लीडरशिप से बात नहीं की फिर भी मैं हिम्मत करके कहता हूं कि आप भारतीय जनता पार्टी में आईए आपका स्वागत है। काम करने वालों के लिए बीजेपी जैसी पार्टी है। आप भारतीय जनता पार्टी में आईए हम आपका स्वागत करते हैं।

वहीं, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उनके इस आमंत्रण के लिए शुक्रिया अदा कि और कहा कि तिरंगे से बहुत प्यार है और मरते दम तक तिरंगे के साथ ही रहेंगे। उन्होंने कहा, “मैं भी जफर इस्लाम साहब का बड़ा एहतराम करता हूं। मैं उनसे प्यार भी बहुत करता हूं। मैं उनसे कहूंगा कि आपने मुझे इस लायक समझा कि सत्ताधारी पार्टी में आने की दावत मुझे राष्ट्रीय चैनल पर दी। मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं, लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि हम गांधी के फॉलोअर हैं।मैं तिरंगे से बहुत प्यार करता हूं और मेरे हाथ में तिरंगा है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जब मैं दुनिया से जाऊं तो तिरंगा मेरे हाथ में रहे।”

बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस की ओर से जारी की गई राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पार्टी के और भी कई बड़े नेता पार्टी के इस फैसले से नाराज हैं।

उन्होंने कहा, “राज्यसभा हमारे लोकतंत्र का मंदिर है तो वहां पर विद्वान लोगों, वरिष्ठ और ऐसे लोगों को भेजा जाता है, जिनसे देश की सेवा करने की उम्मीद हो और पार्टी को मजबूती मिले, लेकिन जो फैसले हुए उनसे नाराजगी है। पंजाब से लोकसभा के सदस्य मनीष तिवारी समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने इस पर नाराजगी जताते हुए पार्टी नेतृत्व का ध्यान इस तरफ आकर्षित करने को कहा है। मैं समझता हूं कि पछताने से क्या होत है जब चिड़िया चुग गई खेत।”

राज्यसभा के उम्मीदवारों की लिस्ट में अपना नाम शामिल न होने पर उन्होंने कहा, “पहली बात मैं इस रेस में था ही नहीं। वहीं, कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जिन्हें हिंदू नाम के शब्द से नफरत है, तो ऐसे में किसी हिंदू धर्मगुरु को राज्यसभा में कैसे भेजा जा सकता है, लेकिन मैं कल भी कांग्रेस के साथ था, आज भी हूं। कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जिसके लिए कुर्बान हुए अपने लहू का बलिदान देकर सींचकर इस पार्टी का खड़ा किया। कांग्रेस अगर खत्म होगी या कमजोर होगी तो देश का लोकतंत्र खत्म हो जाएगा इसलिए मैं इस पार्टी के साथ खड़ा हूं।”