सहयोगी भाजपा की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए पीडीपी ने बुधवार को कहा कि वह अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को मानवीय आधार पर पासपोर्ट देने का आग्रह करेगी। वहीं नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि इसे मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है जब उन्हें पहले भी पासपोर्ट दिया गया है।
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस मुद्दे को मानवीय आधार पर निपटाना होगा। हम मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष उठाएंगे। कट्टरपंथी हुर्रियत धड़े के नेता गिलानी ने सऊदी अरब में अपनी बीमार बेटी से मुलाकात करने के लिए पासपोर्ट जारी करने का आवेदन दिया है। मुख्य धारा के कई नेताओं ने अलगाववादी नेता को पासपोर्ट जारी किए जाने की अपील की है।
इस मुद्दे पर पीडीपी अध्यक्ष के बयान पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आश्चर्य जताया कि क्या यह सत्तारूढ़ दलों के बीच तय मैच है जिसमें महबूबा योद्धा के तौर पर उभरने का प्रयास कर रही हैं। उमर ने ट्विटर पर लिखा- यह कौन सी बड़ी बात है? गिलानी को 2011 में भी पासपोर्ट नहीं दिया गया था। फिर महबूबा योद्धा के तौर पर क्यों उभरने का प्रयास कर रही हैं।
राज्य सरकार में पीडीपी की सहयोगी भाजपा ने कहा है कि गिलानी को अपनी देश विरोधी गतिविधियों के लिए माफी मांगनी चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि वह भारतीय हैं, अगर उन्हें भारतीय पासपोर्ट चाहिए।
कांग्रेस ने कहा कि गिलानी को अपनी बीमार बेटी सउदी अरबिया से मिलने जाने के लिए पासपार्ट जारी करने के उनके आवेदन पर फैसले लेने के समय उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने श्रीनगर में कहा कि एक निर्धारित प्रक्रिया है जिसका किसी भी व्यक्ति को पासपोर्ट जारी करने के दौरान पालन किया जाना चाहिए।
उधर जम्मू में कांग्रेस प्रवक्ता ने पत्रकारों से कहा कि पासपोर्ट मामले पर केंद्र और राज्य सरकारों को चर्चा करनी चाहिए। सरकारों को उनकी गतिविधियों पर विचार करना चाहिए और फिर इस बारे में फैसला लेना चाहिए। मुझे नहीं मालूम कि क्यों गिलानी को पासपोर्ट से वंचित किया गया। अगर कोई व्यक्ति अपनी बेटी से मिलने या किसी बीमारी के इलाज के लिए या किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए विदेश जाने के लिए पासपोर्ट चाहता है तो इस पर फैसला लेना सरकारों का काम है।
इस बीच केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि गिलानी को पासपोर्ट जारी करने का निर्णय विभिन्न मुद्दों को ध्यान में रखकर किया जाएगा जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा शामिल होगा।
उन्होंने कहा, ‘उनके (गिलानी) पासपोर्ट के संबंध में गृह मंत्रालय को अभी तक कोई आवेदन नहीं मिला है। जब हमें आवेदन मिलेगा तो हम राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय करेंगे।’