दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद रविवार सुबह स्थिति का जायजा लेने पहुंचीं स्वाति मालीवाल को छात्रों के गुस्से का सामना करना पड़ा है। स्वाति मालीवाल के घटना स्थल पर पहुंते ही छात्रों ने ‘गो बैक’ के नारे लगाए। कई छात्रों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम इस मामले में किसी को राजनीति नहीं करने देंगे।

हादसे वाली जगह पर विरोध के बाद मीडिया से बातचीत में स्वाति मालीवाल ने कहा कि बच्चे बहुत दुखी हैं और बहुत गुस्से में हैं। 12 घंटे से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन दिल्ली सरकार का कोई मंत्री, न मेयर आई हैं, न कोई अधिकारी आया है। बच्चों को अपने हाल पर छोड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि ये कोई हादसा नहीं है, ये मर्डर है। इसकी जांच होनी चाहिए औऱ सभी बड़े अधिकारियों के खिलाफ FIR होनी चाहिए।

स्वाति मालीवाल ने कहा कि मेयर और मंत्री को यहां आना चाहिए औऱ बच्चों का गुस्सा झेलना चाहिए। इन्हें तुरंत बच्चों से माफी मांगनी चाहिए। हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जानी चाहिए। दिल्ली ऐसे नहीं चल सकती, मैं इस मामले को संसद में उठाऊंगी। बच्चे बता रहे हैं कि 12 दिन पहले पार्षद से लोगों ने नाले साफ करवाने के लिए कहा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

इससे पहले राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कोचिंग सेंटर में हुए हादसे को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा है। उन्होंने रविवार सुबह X पर एक पोस्ट के जरिए पूछा कि राजधानी में तीन छात्रों की बेसमेंट डूबने से हुई मौत की ज़िम्मेदारी कौन लेगा?

उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे कहा, “बता रहे है स्टूडेंट दस दिन से बारे बार ड्रेन साफ़ करने की डिमांड कर रहे थे, पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।Illegal बेसमेंट बिना भ्रष्टाचार के कैसे चल सकते हैं, एक्स्ट्रा फ्लोर कैसे डल जाते हैं, कैसे हो सकता है कि बिना पैसे खाये सड़क-नालियों के ऊपर क़ब्ज़े हो जाते हैं।”

स्वाति मालीवाल ने हादसे के पूछे भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करते हुए कहा, “स्पष्ट है कि कोई Safety rules को पालन करने की ज़रूरत नहीं, पैसा दो, काम हो जाता है।”

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‘ग्राउंड पर कोई काम करने को तैयार नहीं’

इसी पोस्ट में उन्होंने केजरीवाल सरकार के काम के तरीके पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बस हर दिन AC रूम में बैठके “Important Press Conference” करते रहो। ग्राउंड पर कोई काम करने को तैयार नहीं है। कुछ दिन पहले पटेल नगर में करंट लगने से हुई मौत से भी कुछ नहीं सीखा?

बायोमेट्रिक प्रवेश-निकास भी हादसे की एक वजह?

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कुछ छात्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि कोचिंग संस्थान की जिस बिल्डिंग में हादसा हुआ है, वहां प्रवेश निकास बायोमेट्रिक के जरिए कंट्रोल होता है। ओल्ड राजेंद्र नगर में यूपीएससी की तैयारी कर रहे एक छात्र ने बताया कि कई कोचिंग संस्थानों की लाइब्रेरी में भी बायोमेट्रिक के जरिए ही प्रवेश होता है। उन्होंने बताया कि इन कोचिंग सेंटर्स की लाइब्रेरी में फिंगरप्रिंट लॉक औऱ सिर्फ एक एग्जिट हैं। अगर बिजली चली जाती है तो आप अंदर लॉक हो जाते हो। कोचिंग संस्थान के एक फैकल्टी मेंबर ने बताया कि बेसमेंट में पानी शाम छह बजे आना शुरू हो गया था, तभी छात्रों को बाहर जाने के लिए बोल दिया गया था।