हिंदू महासभा के नेता दिल्ली विश्वविद्यालय का नाम बदलवाना चाहते हैं। स्वामी चक्रपाणि डीयू का नाम बदलवाकर वीर सावरकर विश्वविद्यालय करवाना चाहते हैं। स्वामी चक्रपाणि का कहना है कि इसके लिए वह संबंधित अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
एएनआई से बातचीत में चक्रपाणि ने कहा कि हम सरकार के अधिकारियों से मिलेंगे और दिल्ली यूनिवर्सिटी का नाम वीर सावरकर विश्वविद्यालय करने का मुद्दा उनके सामने रखेंगे। चक्रपाणी से वीर सावरकर के संबंध शिवसेना के बयान के बारे में भी सवाल पूछा गया।
शिवसेना ने कहा था कि जो वीर सावरकर की विचारधारा को नहीं मानते उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटना चाहिए। मालूम हो कि स्वामी चक्रपाणि इससे पहले दाउद इब्राहिम की कार खरीदने के बाद उसे जलाने को लेकर सुर्खियां बटोर चुके हैं। इस पर चक्रपाणि ने कहा कि हां ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सावरकर जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया, उनका अपमान करने वाले को जेल भी भेजा जाना चाहिए।
स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि हमारी जन्मभूमि के लिए इतना संघर्ष करने वाले सावरकर के खिलाफ कोई कैसे टिप्पणी कर उनका अपमान कर सकता है। जो भी सावरकर का अपमान करते हैं वह एक बड़ा अपराध कर रहे हैं।
इससे पहले मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि जो लोग वीर सावरकर में विश्वास नहीं रखते उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटा जाना चाहिए क्योंकि ऐसे लोगों को भारत की आजादी में वीर सावरकर के संघर्ष और महत्व का अहसास नहीं है।
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इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में चंद्र शेखर आजाद और सुभाष चंद्र बोस के साथ रातोरात वीर सावरकर की प्रतिमा लगाने का मामला सामने आया था। नार्थ कैंपस में लगी इस प्रतिमा के मुद्दे पर विरोध भी शुरू हो गया था। एनएसयूआई के दिल्ली अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने सावरकर की प्रतिमा पर न सिर्फ जूतों की माला पहनाई बल्कि मूर्ति के चेहरे पर कालिख भी पोत दी।
इसके साथ ही एनएसयूआई के नेता ने भगत सिंह जिंदाबाद के नारे भी लगाए। इससे पहले एबीवीपी के नेता और डूसू अध्यक्ष शक्ति सिंह ने आर्ट फैकल्टी के गेट पर बिना अनुमति वीर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह की प्रतिमा लगाई थी।