विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी पर उनकी ‘‘गुगली’’ वाली टिप्पणी को लेकर शनिवार (1 नवंबर) को कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि इससे वह (कुरैशी) बेनकाब हो गए और इस तरह पाकिस्तान के मन में सिख भावनाओं के प्रति कोई सम्मान नहीं है। सुषमा ने सिलसिलेवार ट्वीट किये, जिनमें उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के श्रीमान विदेश मंत्री – नाटकीय ढंग से की गई आपकी ”गुगली” टिप्पणियों ने आपको बेनकाब कर दिया है। इससे पता चलता है कि आपके मन में सिख भावनाओं के प्रति कोई सम्मान नहीं है। आप केवल ‘गुगली’ फेंकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको बता देना चाहती हूं कि हम आपकी ”गुगली” में फंसे नहीं हैं। हमारे दो सिख मंत्री पवित्र गुरुद्वारा में मत्था टेकने के लिए करतारपुर साहिब गए थे।’’

गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर गलियारे के लिए आधारशिला कार्यक्रम में भारत सरकार की मौजूदगी सुनिश्वित करने के लिए ‘गुगली’ फेंकी। उनके प्रधानमंत्री इमरान खान की ‘गुगली’ ने भारत सरकार को करतारपुर गलियारा मुद्दे पर उनके देश के साथ मेल-जोल करने के लिए बाध्य कर दिया। कुरैशी ने यह भी कहा था कि यह वही भारत सरकार है जिसने कहा था कि वह पाकिस्तान के साथ मेल-जोल नहीं करेगी लेकिन उसे करतारपुर गलियारे के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए करना पड़ा।

कुरैशी के बयान से एक दिन पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता की बहाली की संभावना से साफ तौर पर इंकार करते हुये कहा था कि जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को रोक नहीं देता, तब तक बातचीत संभव नहीं है। वहीं, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने शुक्रवार को पाकिस्तान को चेतावनी दी कि उसे भारत और खासकर पंजाब में शांतिपूर्ण माहौल खराब करने के अपने ‘नापाक मंसूबे’ को पूरा करने के लिए करतारपुर गलियारा मुद्दे और धर्म का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा, “भारत और पंजाब सरकारें पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए तैयार हैं, ऐसे में पाकिस्तान को दूरियां कम करने की जरुरत है अन्यथा दुनिया में अलग थलग पड़ जाने के लिए तैयार रहें। श्रीकरतारपुर साहिब जाना मेरे लिए आस्था का विषय था। इस पावन मुद्दे पर श्रेय लेने की जद्दोजेहद अवांछित है। कोई किसी गुगली से बोल्ड नहीं हुआ। प्रधानमंत्री मोदी और मंत्रियों ने इस पावन पहल का सूत्र तैयार कर और उसमें हिस्सा लेकर बस सिखों की भावनाओं का सम्मान किया है। यदि आप सोचते हैं कि आप हमारे धर्म का दुरुपयोग कर अपने नापाक मंसूबे को पूरा कर पायेंगे तो आप गलतफहमी में हैं। हम गुरु गोविंद सिंह के बच्चे हैं जिन्हें पता है कि देश की रक्षा कैसे की जाए।’’