Sushma Swaraj Death News: वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज नहीं रहीं। विदेश मंत्री के तौर पर उनके योगदान को कोई भुला नहीं सकता। जानकार मानते हैं कि मोदी की मजबूत अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की आधारशिला रखने में खुद सुषमा स्वराज ने भी बड़ी भूमिका निभाई। सुषमा लो प्रोफाइल रहकर काम करती रहीं। शायद ही बहुत सारे लोगों को पता हो कि पीएम नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा के पीछे सुषमा की बड़ी अहम भूमिका थी।
यह सुषमा के तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ और उनके परिवार से बेहतर रिश्तों का ही असर था, जिसके बाद मोदी ने पाकिस्तान पहुंचकर एक बार अपने आलोचकों को भी चौंका दिया था। स्वराज ने शरीफ और उनके परिवार से बेहद रिश्ते बनाने के लिए चुपचाप काम किया। नरेंद्र मोदी के पाकिस्तान पहुंचने से पहले इसकी जमीन सुषमा स्वराज ने तैयार की।
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नवंबर 2015 में सुषमा माल्टा की राजधानी वेलेटा में थीं। यहां कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग का आयोजन था। अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड ने इस मीटिंग की डिटेल्स प्रकाशित की हैं। इसके मुताबिक, बैठक में विभिन्न देशों के नेताओं के बैठने का क्रम उसी तरह तय था, जिस क्रम में इन देशों में सूरज की पहली किरण पहुंचती है।
यानी बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल हसन महमूद स्वराज की दाईं ओर बैठे थे जबकि पाकिस्तानी पीएम बाईं ओर। सूत्रों के मुताबिक, शरीफ और सुषमा लगातार बात करते रहे। वहीं, दूसरे दिन बैठने का अरेजमेंट बदला सा नजर आया। बांग्लादेशी मंत्री सर्कुलर टेबल पर गैप की वजह से अब स्वराज और शरीफ से कुछ दूरी पर बैठे नजर आए। इससे दोनों नेताओं को और खुलकर बात करने की सहूलियत मिली।
स्वराज उर्दू और पंजाबी धारा प्रवाह बोलती थीं। शायद नवाज शरीफ से बातचीत करने में इसकी भी बड़ी भूमिका थी। शरीफ वेलेटा अपनी मां शमीम अख्तर, पत्नी कुलसुम और बेटी मरियम के साथ पहुंचे थे। स्वराज को उनसे मिलने का न्योता मिला। इससे सुषमा को नवाज शरीफ के परिवार के नजदीक जाने का मौका मिला और इस दौरान वह भारत या पाकिस्तान की मीडिया की नजरों से भी दूर रहीं।
स्वराज भारत लौट आईं। कुलसुम और बाकी लोग लंदन चले गए क्योंकि मरियम की बेटी मेहरून निसा के लॉ एग्जाम के नतीजे आने वाले थे। वहीं, नवाज शरीफ क्लाइमेट चेंज समिट में हिस्सा लेने के लिए पेरिस रवाना हुए। इसके एक दिन बाद, पेरिस में नवाज शरीफ और मोदी के बीच 120 सेकेंड तक हुई बातचीत ने मीडिया में सुर्खियां बटोरीं।
वहीं, 6 दिसंबर को दोनों देशों के एनएसए ने बैंकॉक में मुलाकात की जबकि स्वराज अफगानिस्तान में 8 और 9 दिसंबर को होने वाली एक कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए इस्लामाद में थीं। नवाज शरीफ और तत्कालीन पाकिस्तानी विदेश मंत्री सरताज अजीज के साथ बैठकों के अलावा सुषमा ने चार घंटे नवाज शरीफ के परिवार संग बिताए। अजीज ने स्वराज की उर्दू के लिए उनकी तारीफ की। अजीज ने कहा कि उनकी उर्दू में कई बार पंजाबी पुट आ जाता है। इस पर सुषमा ने मजाक करते हुए कहा, ‘जी हां, सुबह (उर्दू में) सुवेरे-सुवेरे हो जाता है।’
सुषमा ने फिर नवाज शरीफ की मां से भी बातचीत की। नवाज शरीफ की मां से सुषमा से कहा, ‘तू मेरे वतन से आई है, वादा कर रिश्ते ठीक करके जाएगी।’ नवाज की मां ने अपने जन्मस्थान अमृतसर स्थित भीम की कटरा से जुड़ी यादें सुषमा के साथ साझा कीं। दोनों के बीच अमृतसर को लेकर लंबी बातें हुईं। दरअसल, गृह नगर अंबाला में रहने और अपने लंबे राजनीतिक करियर में सुषमा कई बार अमृतसर गईं।
नवाज शरीफ की मां ने सुषमा से मोदी का हालचाल भी लिया और उन्होंने बताया कि भारतीय पीएम ने उन्हें शॉल भेजी है। नवाज की मां जब भी अपने बेटे से बातचीत करती थीं, वो सुषमा का हालचाल जरूर लेती थीं। वहीं, इस्लामाबाद से लौटकर सुषमा ने कहा था, ‘मैं शरीफ परिवार के चारों पीढ़ियों से मिली हूं।’ यह सुषमा और अजीज के बातचीत का ही असर था कि दोनों देश दोबारा से दि्वपक्षीय बातचीत के लिए तैयार हुए थे। पाकिस्तान से लौटते वक्त शरीफ की बेटी से स्वराज ने कहा था, ‘अपनी दादी से कहना कि मैंने अपना वादा (रिश्ते बेहतर करने का) निभाया है।’

