बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की गुत्थी अबतक नहीं सुलझी है। लेकिन जांच को लेकर मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस में बीच टकराव देखने को मिला है। मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा है कि जांच में दखल का किसी को हक नहीं है। मुंबई पुलिस इस मामले की विस्तृत तरीके से जांच कर रही है और अबतक हमने इस मामले में 56 लोगों के बयान दर्ज किए हैं।

दोनों राज्यों की पुलिस के बीच टकराव पर बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार से महाराष्ट्र के राज्‍यपाल से जवाब मांगने को कहा है। स्वामी ने कहा “संविधान के संरक्षक के रूप में केंद्र को महाराष्ट्र के राज्यपाल से मुंबई और पटना की पुलिस के बीच हुए टकराव पर जवाब मांगना चाहिए। क्योंकि यह सुशांत सिंह राजपूत के केस को खराब कर सकता है।” इस केस की जांच करने के लिए बिहार पुलिस की एक टीम मुंबई आई थी। पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी के नेतृत्व वाली इस टीम को बीएमसी ने 15 अगस्त तक के लिए क्वारंटीन कर दिया है। इसे लेकर बिहार पुलिस ने आपत्ति जताई है।

कमिश्नर परमबीर सिंह का इसपर कहना है कि इस मामले में बिहार पुलिस के पास जांच करने का अधिकार नहीं है। बिहार पुलिस को कोरेंटिन किए जाने के सवाल पर कमिश्नर ने पल्ला झाड़ लिया। परमबीर सिंह ने कहा कि आईपीएस विनय तिवारी के कोरेंटिन से जुड़ा सवाल बीएमसी से पूछें। मुझे उनके कोरेंटिन के बारे में जानकारी नहीं है।

कमिश्नर ने कहा कि अभी हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। ये केस बिहार से मुंबई ट्रांसफर होना चाहिए था। बिहार पुलिस को इस मामले की जांच करने का अधिकार नहीं है। हालांकि हम बिहार पुलिस की जांच पर कानूनी सलाह ले रहे हैं।

पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने यह भी बताया कि हमने मामले की जांच के दौरान सुशांत की बहनों को भी बुलाया था, लेकिन वह नहीं आईं। हमने 13 और 14 जून का सीसीटीवी फूटेज अपने कब्जे में लिया है। उन्होंने कहा, ”सुशांत के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है और उनके सीए से भी इस मामले में पूछताछ कर रही है।”