अर्थशास्त्रियों द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि जिनके पर्स या बटुए में ज्यादा पैसा होता है, उसके गुम होने के बाद मिलने की संभावना कम पैसे वाले पर्स से ज्यादा होती है। अध्ययन में यह पाया गया है कि जिनमें ज्यादा पैसे थे, 51 प्रतिशत लोग उसे वापस पहुंचाने की कोशिश की। पर्स के मालिक से संपर्क किया। उसे वापस लौटाने के प्रयास किए। वहीं, यदि उसमें पैसे कम या न के बराबर हो तो 40 प्रतिशत लोग ही वापस करने की सोंचते हैं।

ज्यूरिख, मिशिगन और यूटा विश्वविद्यालयों में अर्थशास्त्रियों ने 40 देशों के 355 शहरों में 17,000 से अधिक क्षेत्र में यह प्रयोग किया। इसका उद्देशय यह पता करना था कि क्या मनुष्य स्वाभाविक रूप से बेईमान और अपना ही काम करने वाला हैं? इस अध्ययन को ‘सिविल ऑनेस्टी अराउंड द ग्लोब’ नाम दिया गया, जिसका प्रकाशन 20 जून को जर्नल ‘सायंस’ में हुआ।

अध्ययन के दौरान पूरी टीम ने 17,303 वॉलेट अलग-अलग जगहों पर फेंक दिए। किसी में कम पैसे रखे थे तो किसी में ज्यादा। साथ ही इसमें किराने की सामान की लिस्ट, बिजनेस कार्ड और चाबी रखे थे। सभी बिजनेस कार्ड को स्थानीय भाषा में लिखा गया था ताकि पर्स उठाने वाले को यह पता चल जाए कि इसका मालिक कौन है? ये पर्स बैंक, होटल, थियेटर, म्यूजियम, पोस्ट ऑफिस और पुलिस स्टेशन के आसपास फेंके गए। अब यह देखना था कि कितने पर्स वापस आते हैं।

क्या आया नतीजा: 40 में से 38 देशों में एक ही ट्रेंड देखने को मिला। वह ट्रेंड यह था कि जिस पर्स में ज्यादा पैसे थे उनके मिलने की संभावना कम पैसे वाले पर्स के 40 प्रतिशत से बढ़कर 51 प्रतिशत हो गई। स्विटजरलैंड के लोग इस मामले में काफी इमानदार निकले। यहां खाली पर्स लौटाने का प्रतिशत 75 और पैसे वाले पर्स लौटाने का प्रतिशत 80 रहा। इसके बाद नार्वे, नीदरलैंड और डेनमार्क का स्थान रहा। सबसे कम पर्स लौटाने के मामले चीन, मोरक्को, पेरु, कजाकिस्तान, केन्य, मलेशिया जैसे देशों में आए। चीन में मात्र 5 प्रतिशत लोगों ने खाली पर्स लौटाए और 20 प्रतिशत लोगों ने पैसे से भरे पर्स वापस करने की कोशिश की।

भारत की बात करें तो यहां के नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, जयपुर, हैदाराबाद, बेंगलुरु और कोयंबटुर में यह प्रयोग किया गया। इसमें पाया गया कि खाली पर्स मिलने के बाद 20 प्रतिशत लोगों ने लौटाने के लिए मालिक से संपर्क किया और पैसे वाले पर्स को लौटाने के लिए 45 प्रतिशत लोगों ने संपर्क किया।