Bilkis Bano: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानों केस में एक बार फिर सुनवाई की बात कही है। 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार और परिवार के सात सदस्यों की हत्या का दुख झेल रही बिलकिस बानो को सुप्रीम कोर्ट ने आश्वासन दिया है कि नई पीठ के गठन के बाद 11 दोषियों की सजा में छूट के खिलाफ उनकी याचिका पर जल्द ही सुनवाई की जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पर्दीवाला की पीठ ने यह बात कही है। बिलकिस बानों की ओर से वकील शोभा गुप्ता कोर्ट पहुंची थी। इस मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोग 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिए गए थे। ब गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत उन्हें रिहा करने की अनुमति दी थी।
वकील शोभा गुप्ता ने क्या कहा
बिलकिस बानों की वकील शोभा गुप्ता ने तत्काल सुनवाई के लिए मामले का जिक्र किया और कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा एक नई पीठ गठित करने की आवश्यकता है क्योंकि न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी ने याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। जिसपर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा “जल्द से जल्द मामले को लिस्ट किया जाएगा।” इससे पहले 24 जनवरी को गुजरात सरकार द्वारा सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो की याचिका पर शीर्ष अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी थी क्योंकि संबंधित न्यायाधीश किसी और मामले की सुनवाई कर रहे थे।
क्षमा नीति के तहत रिहा किए गए थे सभी 11 दोषी
सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत रिहाई के आदेश दिए थे। पिछले साल 15 अगस्त को उन्हें रिहा कर दिया गया था। हालांकि 13 मई, 2022 के आदेश के खिलाफ बिलकिस बानो की समीक्षा याचिका को शीर्ष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में खारिज कर दिया था।पीड़िता बिलकिस बाणों ने अपनी लंबित रिट याचिका में कहा है कि राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून की आवश्यकता को पूरी तरह से अनदेखा करते हुए आदेश पारित किया था।