Supreme Court on Delhi Pollution: दिल्ली की खराब एयर क्वालिटी और प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज CAQM (Commission for Air Quality Management) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने एयर क्वालिटी मैनेजमेंट को लेकर एजेंसी के कामों को लेकर नाराजगी जताई है और यह तक कहा कि ये कदम पर्याप्त नहीं दिखते हैं। कोर्ट ने पराली जलाने से रोकने को लेकर एजेंसी द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर भी सवाल उठाए और रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पराली जलाने से रोकने में नाकामयाब होने को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को फटकारा। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए. एस.ओका और न्यायमूर्ति अगस्टीन जॉर्ज मसीह कर रहे थे।

एयर क्वालिटी सुधारने के लिए हो रहे प्रयास नाकाफी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वायु गुणवत्ता समिति को एयर क्वालिटी सुधारने के लिए ज्यादा एक्टिव होने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने CAQM से कहा है कि आयोग को यह सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए कि पराली जलाने के अपेक्षा उसके वैकल्पिक उपकरणों का ज्यादा से ज्यादा और जमीनी स्तर पर इस्तेमाल हो। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को नियंत्रित करने और पराली जलाने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर आयोग को बेहतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने अब तक हुए प्रयासों पर जताई नाराजगी

दूसरी ओर कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने एफिडेवेट पढ़ा। इसमें पराली संकट से निपटने को लेकर सलाह और दिशा-निर्देश को लेकर जानकारी दी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एजेसी द्वारा उठाए जा रहे प्रयासों को पर नाराजगी जताई और कहा कि ये प्रयास नाकाफी हैं।

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किसान नेता बोले सरकार निकालने स्थायी समाधान

वहीं पराली जलाने को लेकर किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता गुरबचन सिंह छाबा ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि कोई भी किसान पराली जलाना नहीं चाहता, लेकिन वे मजबूर हैं। खेत को तैयार करना बहुत महंगा है। सरकार हर साल नई मशीनें बनाती है और पिछले साल की मशीनें बेकार हो जाती हैं। किसानों को हर साल मशीनें खरीदनी पड़ती हैं, इसका कोई समाधान नहीं है। सरकार को पराली जलाने की समस्या का स्थायी समाधान निकालना चाहिए।

गौरतलब है कि पंजाब-हरियाणा के किसानों द्वारा पराली जलाए जाने के कारण कथित तौर पर हर साल सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण होता है और एयर क्वालिटी बेहद खराब से भी ज्यादा खराब हो जाती है, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट इस बार पहले ही एक्टिव हो गया है।