सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है। सरकार को फटकार लगाते हुए उच्चतम न्यायालय के जस्टिस ने कहा, आप अपना काम नहीं करते हैं, बस न्याय में देरी के लिए कोर्ट की अलोचना करते हैं। कोर्ट की यह फटकार क्रिमिनल केसेज को जल्द निपटाने के लिए उचित फैसले ने लेने के चलते सरकार को पड़ी। जस्टिस मदन बी माथुर ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी से कहा, सरकार से कहिए न्याय व्यवस्था की आलोचना करना बंद करें।
गुरुवार को सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति माथुर ने कहा, अभी तक सरकार आपराधिक मामलों को जल्द निपटाने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठा पाई है। लेकिन सरकार न्यायपालिका को देरी के लिए जिम्मेदार ठहराती है। उन्होंने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी से कहा, ‘आप अपना काम करते नहीं हैं और न्याय में देरी के लिए न्यायापालिका की आलोजना करते हैं। सरकार से कहिए कि न्याय व्यवस्था की आलोचना करना बंद करे’।
Supreme Court tells Central government for its “deficiency” in taking effective steps to ensure speedy trial in criminal cases, "you don't perform your job but you always criticise judiciary for delay in Justice"
— ANI (@ANI) November 29, 2018
बता दें कि, आज ही सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई के आपसी झगड़े की भी सुनवाई हो रही है। आज उच्चतम न्यायालय तय करेगा कि आलोक वर्मा जांच एजेंसी के मुखिया पद पर बहाल होंगे या फिर छुट्टी पर ही रहेंगे। आलोक वर्मा ने सरकार के छुट्टी पर भेजने के फैसले को चुनौती दी है। चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ़ की पीठ आलोक वर्मा मामले की सुनवाई करेगी। बेंच वर्मा के सीलबंद लिफाफे में दिए जवाब पर विचार कर सकती है।