सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार विशेष लोक अदालत शुरू की है। लंबित मामलों की संख्या कम करने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पहली विशेष लोक अदालत शुरू की है। पहली लोक अदालत 29 जुलाई से 3 अगस्त तक लगेगी। इस बीच वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इसे ऐतिहासिक दिन करार दिया है।

बता दें कि विशेष लोक अदालत हर दिन दोपहर 2 बजे के बाद आयोजित की जाएगी। मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीश, एक वरिष्ठ वकील और एक एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड मौजूद होंगे।

वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने विशेष लोक अदालत शुरू होने पर कहा, “मुझे लगता है कि यह एक ऐतिहासिक दिन है। इस न्यायालय के इतिहास में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि न्यायालय छोटे-छोटे मामलों के लिए उन लोगों तक पहुंचा है जो वर्षों तक लंबित रहते हैं। यह मानसिकता को दर्शाता है कि वे सबसे गरीब लोगों तक कैसे पहुंचना चाहते हैं जो वर्षों तक इस मुकदमे से निपटने में सक्षम नहीं हैं। मैं इस प्रयास को आगे बढ़ाने के लिए मुख्य न्यायाधीश और पूरे सुप्रीम कोर्ट को बधाई देता हूं।”

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विशेष लोक अदालत शुरू होने पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट की 7 पीठों द्वारा इस पूरे हफ्ते लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। आज हमारा अनुभव यह था कि यह एक शानदार सफलता थी। लोक अदालत जिसमें बार, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और व्यापक लोगों का सहयोग है।” उच्च न्यायालयों, राज्य सरकारों और बीमा कंपनियों द्वारा जमीनी स्तर पर काम किया गया है। विचार यह है कि छोटे मामलों को सुप्रीम कोर्ट में कैसे निपटाया जाए।”

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि इसलिए हमने सेवा विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामलों, मोटर दुर्घटना दावा मामले, चेक मामले को चुना है। न्यायाधीशों के साथ लोक अदालत पैनल के हिस्से के रूप में बार सदस्यों की उपस्थिति ने पूरे समाज में सही संदेश भेजा है कि हम न्याय करने के अपने प्रयासों में एकजुट हैं। मुझे उम्मीद है कि इस लोक अदालत के साथ यह अब भविष्य में सुप्रीम कोर्ट में संस्थागत हो जाएगा।”