सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनतक पोस्ट को लेकर बीजेपी कार्यकर्ता की रिहाई के आदेश का पालन न करने पर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि बीजेपी की युथ विंग की नेता प्रियंका शर्मा को कोर्ट द्वारा बेल पर रिहाई के आदेश देने के बावजूद समय पर (मंगलवार) रिहा क्यों नहीं किया गया है। अगर ऐसा है तो पश्चिम बंगाल सरकार पर अवमानना को नोटिस जारी करेंगे। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने यह टिप्पणी की। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रियंका शर्मा की गिरफ्तारी राज्य सरकार द्वारा मनमाने तरीके से की गई है।
मामले पर प्रियंका शर्मा के वकील एनके कौल ने कहा है कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक उनकी रिहाई सुबह करीब 10 बजे तक हो जानी चाहिए थी लेकिन उन्हें समय पर रिहा नहीं किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा कोर्ट के आदेश की अवमानना है। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल से राज्य पुलिस ने एक माफीनामे पर हस्ताक्षर के लिए कहा। इस माफीनामे में लिखा गया है कि वह भविष्य में इस तरह के आपत्तिजनक पोस्ट को शेयर नहीं करेंगी।
वहीं राज्य सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता को बुधवार (14 मई 2019) सुबह करीब 9 बजकर 40 मिनट पर रिहा कर दिया गया है। देर से रिहाई पर उन्होंने अपने जवाब में कहा कि अलीपुर जेल के सुपरिटेंडेंट को कोर्ट का लिखित आदेश नहीं मिला जिसकी वजह से उनकी रिहाई में देरी हुई।
क्या है विवाद?
प्रियंका शर्मा ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की कुछ फोटोज सोशल मीडिया पर पोस्ट की थीं। पोस्ट की गईं फोटोज एडिटिड थीं। तस्वीर में ममता बनर्जी प्रियंका चोपड़ा के ‘मेट गाला’ लुक में नजर आ रही थीं। यानी प्रियंका के चेहरे की जगह ममता का चेहरा लगाया गया था। इस फोटो को लेकर टीएमसी कार्यकर्ताओं और नेताओं की ओर से आपत्ति दर्ज करवाई गई थी। जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने उन्हें अरेस्ट किया और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया था।

