Mukesh Ambani Security Cover: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनके परिवार को Z-plus सुरक्षा दिए जाने को लेकर सवाल उठाने वाले को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई। फटकार इस वजह से लगाई गई क्योंकि अदालत पहले ही स्पष्ट कर चुकी थी कि याचिकाकर्ता के पास इस मामले में कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

अदालत ने स्पष्ट रूप से टिप्पणी की कि यह पूरी तरह राज्य का फैसला है कि वह राजनेता या कारोबारी की सुरक्षा को लेकर क्या जरूरी कदम उठाए?

जस्टिस पीके मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने शुक्रवार को याचिकाकर्ता से ही सवाल पूछा कि इस बात को अदालत कैसे तय कर सकती है कि किसे सुरक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने याचिकाकर्ता विकास साहा से पूछा कि अगर भविष्य में कोई अप्रिय घटना घटती है तो क्या वह इसकी जिम्मेदारी लेंगे?

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क्या आप इसकी जिम्मेदारी लेंगे?

जस्टिस मनमोहन ने कहा, “क्या सुप्रीम कोर्ट इस बात का फैसला करेगा कि किसे क्या सुरक्षा दी जानी है, यह एकदम नई चीज सामने आई है, क्या यह हमारे अधिकार क्षेत्र में है?” अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए पूछा, “आप कौन होते हैं यह तय करने वाले कि किसे खतरा है? भारत सरकार इसे तय करेगी। अगर कल कोई दुर्घटना हो जाए तो क्या आप इसकी जिम्मेदारी लेंगे या अदालत इसकी जिम्मेदारी लेगी?”

अदालत ने याचिकाकर्ता को चेतावनी दी और कहा कि वह अदालत की प्रक्रिया को दबाव में लाने की कोशिश न करें। जस्टिस मनमोहन ने कहा, “यह बहुत गंभीर मामला है और हम आपको चेतावनी दे रहे हैं। हम यहां आपकी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नहीं बैठे हैं।”

इसके बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि इस मामले में 22 जुलाई, 2022 को ही आदेश पास कर दिया गया है। इसके बाद याचिकाकर्ता ने एक बार फिर से इसी तरह की और याचिका दायर की थी और तब भी इसे खारिज कर दिया गया था और 22 जुलाई को दिए गए आदेश को ही अदालत ने दोहराया था।

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बार-बार एक जैसी याचिका क्यों?

अदालत ने अपने ताजा आदेश में कहा है कि यह हैरान करने वाला है कि जब अदालत अपने पहले ही आदेश में यह कह चुकी है कि याचिकाकर्ता को इस मामले में कोई कानूनी अधिकार नहीं है और सुरक्षा के खतरे का आकलन करना एजेंसियों से मिले इनपुट पर आधारित है लेकिन फिर भी याचिकाकर्ता की ओर से बार-बार इसी तरह की याचिका दायर की जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहली बार जब इस मामले में सुनवाई हुई थी तब केंद्र सरकार ने बताया था कि मुकेश अंबानी को सुरक्षा देने से पहले खतरे का आकलन किया गया था और उसी के आधार पर सुरक्षा दी गई है। अदालत ने कहा कि अंबानी और उनके परिवार को दी गई सुरक्षा जारी रहेगी।

अदालत ने याचिकाकर्ता को चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की हरकत ना करें वरना अदालत कड़ी कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकती है।

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