Land For Jobs Scam: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ लैंड फॉर जॉब घोटाले के मामले में निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस मामले में जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने लालू यादव की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में लालू प्रसाद यादव ने दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा मुकदमे पर रोक लगाने से इनकार करने के फैसले को चुनौती दी थी। 

इस साल मई में दिल्ली हाईकोर्ट ने लालू की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई थी। सीबीआई इस घोटाले की जांच कर रही है।

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हाई कोर्ट से क्या कहा?

जस्टिस सुंदरेश ने कहा, ‘हम इस मामले पर रोक नहीं लगाएंगे। हम अपील को खारिज कर देंगे… पहले मुख्य मामले में फैसला होने दीजिए।’ बेंच ने कहा कि हालांकि लालू प्रसाद यादव को मुकदमे की सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश होने की कोई जरूरत नहीं है। बेंच ने हाई कोर्ट से कहा कि वह इस मामले में लालू यादव की याचिका पर जल्दी से जल्दी सुनवाई करे।

लालू प्रसाद यादव की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और सीबीआई की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए। लैंड फॉर जॉब घोटाले का मामला तब का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि उस दौरान कई उम्मीदवारों को जमीन के बदले नौकरियां दी गई थीं।

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लालू यादव पर क्या हैं आरोप?

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2004-2009 के दौरान रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों के बदले लालू प्रसाद यादव ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीनों की संपत्ति के ट्रांसफर के रूप में आर्थिक लाभ हासिल किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि जमीनों का ट्रांसफर लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर हुआ था।

एजेंसी ने इस मामले में 30 सरकारी अधिकारियों समेत 78 लोगों को नामजद किया है। सीबीआई ने मई 2022 में लालू, उनके बेटों, बेटियों और राबड़ी देवी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पिछले साल सितंबर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी।

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