सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस आदेश पर हस्तक्षेप किया है जिसमें संभल शाही जामा मस्जिद के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की बात कही गई थी। आदेश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को संभल में शाही जामा मस्जिद के बाहरी हिस्से की सफेदी करने का निर्देश दिया गया था और कहा गया था कि मस्जिद समिति को इस काम के लिए खर्च की प्रतिपूर्ति करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में ASI को लेकर बात कही गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ASI को मस्जिद समिति से खर्च वसूलने की अनुमति देकर कानूनी भूल की है।
हाई कोर्ट ने मस्जिद की रंगाई पुताई का दिया था आदेश
हाई कोर्ट ने जामा मस्जिद की रंगाई पुताई का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में मस्जिद की रंगाई पुताई समेत कई मुद्दों को लेकर हाई कोर्ट में अपील की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एएसआई के निर्देशन में मस्जिद के बाहरी दीवार पर रंगाई पुताई की इजाजत दे दी थी। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि ढांचे को बिना किसी नुकसान के ये काम किया जा सकता है।
कौन हैं निधि तिवारी? बनीं PM मोदी की निजी सचिव, वाराणसी है खास रिश्ता
वहीं कोर्ट में उस दौरान एएसआई ने से इसके बारे में राय मांगी थी तो एएसआई ने कहा था कि मस्जिद की रंगाई-पुताई की अभी जरूरत नहीं है। हां साफ-सफाई कराई जा सकती है। लेकिन कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की मांग पर रंगाई पुताई का आदेश दिया था।
सीजेआई बेंच ने खारिज की याचिका
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई की बेंच ने सुनवाई के दौरान ना सिर्फ इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि हाईकोर्ट ने एएसआई को मस्जिद समिति से खर्च वसूलने की अनुमति देकर कानूनी भूल की है।