Supreme Court Udaipur Files: सुप्रीम कोर्ट ने ‘उदयपुर फाइल्स’ (Udaipur Files) फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। यह फिल्म राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल तेली की हत्या पर आधारित है। फिल्म की रिलीज को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अदालत ने याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।

जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि इस मामले में गर्मी की छुट्टियों के बाद जब 14 जुलाई को अदालत खुलेगी तो संबंधित बेंच के सामने सुनवाई के लिए रखा जा सकता है। अदालत ने यह भी कहा कि इस बीच फिल्म को रिलीज किया जा सकता है। यह फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होगी।

कन्हैया लाल हत्याकांड के एक आरोपी मोहम्मद जावेद ने अपने वकील के जरिये अदालत में याचिका दायर की थी।

याचिकाकर्ता के वकील ने क्या कहा?

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस फिल्म में एक तरफा चीजें दिखाई गई हैं और इससे निष्पक्ष सुनवाई के उनके हक पर असर पड़ेगा। जावेद के वकील का कहना है कि इस फिल्म में केवल अभियोजन पक्ष को दिखाया गया है। अदालत ने मामले की तत्काल लिस्टिंग करने से इनकार किया और कहा कि इस संबंध में आपको संबंधित कोर्ट के पास जाना चाहिए और इस फिल्म को रिलीज होने दिया जाए।

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राजस्थान के उदयपुर में मुस्लिम समुदाय के दो लोगों ने दर्जी कन्हैया लाल की गर्दन काटकर हत्या कर दी थी। दोनों ने पूरी घटना को कैमरे में रिकॉर्ड किया था और इसके वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया था। कन्हैया लाल की हत्या बीजेपी से निष्कासित नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करने की वजह से की गई थी।

इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी और घटना के संबंध में 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

याचिका में क्या कहा गया?

याचिका में कहा गया है कि इस फिल्म के ट्रेलर और कॉन्टेंट में भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री दिखाई गई है और इससे देश का धार्मिक सद्भाव बिगाड़ सकता है क्योंकि इस मामले में अभी NIA की अदालत में सुनवाई चल रही है इसलिए इससे न्यायिक कार्रवाई में दखल हो सकता है।

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याचिकाकर्ता का कहना है कि आरोपियों को अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया है जबकि इस फिल्म के ट्रेलर तथा फिल्म में आरोपियों को दोषी के रूप में दिखाया गया है। याचिका में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के साथ ही Central Board of Film Certification (CBFC) की ओर से जारी प्रमाण पत्र को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। फिल्म के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से भी दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।

CBFC ने दिल्ली हाई कोर्ट को हाल ही में बताया था कि इस फिल्म में से कुछ ऐसे हिस्सों को हटा दिया गया है जिन्हें लेकर आपत्ति थी।

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