देशद्रोह या राजद्रोह को अपराध बनाने वाली आईपीसी की धारा 124A की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राजद्रोह कानून पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि पुनर्विचार तक राजद्रोह की धारा 124ए के तहत कोई केस दर्ज नहीं किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आईपीसी की धारा 124ए के प्रावधानों पर फिर से विचार करने और पुनर्विचार करने की अनुमति दी है जो देशद्रोह को अपराध बनाती है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिनके खिलाफ राजद्रोह के मामले चल रहे हैं और वे जेल में बंद हैं, वे जमानत के लिए अदालत जा सकते हैं।

सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र और राज्य आईपीसी की धारा 124ए के तहत नए केस दर्ज करने से परहेज करेंगे। इसके पहले, सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि केंद्र ने राज्यों को जारी किए जाने वाले निर्देशों का मसौदा तैयार किया है।

2010 से 2020 तक किस मुख्यमंत्री के शासन में कितने केस?

राज्य मुख्यमंत्रीकेस
बिहारनीतीश कुमार168
तमिलनाडुजयललिता (2011 से नवंबर 2016 तक)139
उत्तर प्रदेशयोगी आदित्यनाथ115
झारखंडरघुवरदास (2014 से 2019 तक )62

इसके मुताबिक, राज्य सरकारों को निर्देश दिया जाएगा कि बिना एसपी या उससे ऊंचे स्तर के अधिकारी की मंजूरी के राजद्रोह की धाराओं में केस दर्ज नहीं होगा। एसजी ने कोर्ट से कहा कि फिलहाल इस कानून पर रोक न लगाई जाए।

राजद्रोह के इन मामलों पर गरमाई सियासत

हाल ही में महाराष्ट्र में सांसद नवनीत राणा और उनके पति के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। भड़काऊ भाषण देने के आरोपी शरजील इमाम के खिलाफ भी राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। वहीं, जेएनयू के पूर्व छात्र कन्हैया कुमार और उमर खालिद पर भी राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। वहीं, आरक्षण की मांग करने वाले हार्दिक पटेल पर भी राजद्रोह की धारा में मामला दर्ज किया गया था। इसके अतिरिक्त कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी पर संविधान का मजाक उड़ाने के आरोप में राजद्रोह के तहत मामला दर्ज किया गया था।

एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2010 से 2020 तक, बिहार में सबसे अधिक 168 राजद्रोह के मामले दर्ज किए गए। इसके बाद तमिलनाडु में 139 और उत्तर प्रदेश 115 दर्ज किए गए।