शंभू बॉर्डर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ⁠एंबुलेंस, सीनियर सिटीजन्स, महिलाओं, छात्रों आदि के लिए हाइवे खोलने के आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि हाईवे के दोनों तरफ की एक-एक लेन को खोला जाए। कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब के पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में एक हफ्ते में मीटिंग कर रूपरेखा तैयार करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को की जाएगी।

हाईवे ट्रैक्टरों की पार्किंग के लिए नहीं है- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि शंभू बॉर्डर की एक लेन को लोगों के लिए खोला जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि हाईवे ट्रैक्टरों की पार्किंग के लिए नहीं है। कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब के डीजीपी को बॉर्डर खोलने के लिए एक सप्ताह में बैठक कर रुपरेखा बनाने को कहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि बॉर्डर बंद होने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

हाईकोर्ट ने भी दिया था आदेश

बता दें कि इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट का यह आदेश 10 जुलाई को आया था। इसमें सप्ताहभर में शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछली सुनवाई में कहा कि राज्य सरकार हाईवे को आम लोगों के लिए नहीं रोक सकती है। बता दें कि किसान 13 फरवरी से यहां लगातार धरने पर बैठे हैं। किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने यहां बैरिकेडिंग लगा रखे हैं।

प्रदर्शनकारी किसानों को समझाए पंजाब सरकार- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से प्रदर्शनकारी किसानों को शंभू बॉर्डर पर सड़क से ट्रैक्टर हटाने के लिए समझाने को कहा। कोर्ट इस दौरान किसानों के प्रदर्शन को लेकर नाराज भी दिखाई दिया। बेंच ने इस दौरान शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने के वास्ते प्रस्तावित समिति के लिए गैर-राजनीतिक नाम सुझाने के लिए पंजाब, हरियाणा सरकारों की सराहना की। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत करने के लिए गठित की जाने वाली समिति की शर्तों पर संक्षिप्त आदेश पारित करेगा।