सुप्रीम कोर्ट ने किसी को मियां या पाकिस्तानी कहने को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को मियां या पाकिस्तानी कहना गलत या आपत्तिजनक हो सकता है, लेकिन इसे अपराध नहीं माना जा सकता। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसपर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी की।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया मामला

याचिका के अनुसार 80 साल के एक बुजुर्ग के खिलाफ एक केस दर्ज किया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। बुजुर्ग पर आरोप लगा था कि उसने एक व्यक्ति को मियां और पाकिस्तानी कहा था और इससे उसकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश शर्मा की बेंच के मामले को खारिज कर दिया।

बुजुर्ग के खिलाफ सेक्शन 298 (धार्मिक भावनाएं आहत करना), सेक्शन 504 (जानबूझकर किसी को अपमानित करना), सेक्शन 506 (आपराधिक साजिश), सेक्शन 353 (सरकारी कर्मचारी से बदसलूकी) जैसी धाराओं में केस दर्ज किया गया था। बुजुर्ग के खिलाफ पुलिस ने भी जांच की और उसके बाद चार्जशीट दाखिल की। यह मामला जुलाई 2021 का है।

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जब बुजुर्ग को सेशन कोर्ट से राहत नहीं मिली तब उसने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। लेकिन वहां से भी उसे राहत नहीं मिली। इसके बाद मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि बुजुर्ग की टिप्पणी तो गलत है लेकिन इस आपराधिक मामला नहीं बना सकते। यह मामला इसलिए भी सुर्खियों में है क्योंकि अब यह अन्य केसों के लिए नजीर बन सकता है।

रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत

वहीं सोमवार को ही यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली। शो पर रोक लगाने के आदेश पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। उन्हें शर्तों के साथ पॉडकास्ट करने की इजाजत मिल गई है। वहीं अगले आदेश तक गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने एज रिस्ट्रिक्शंस के साथ रणवीर इलाहाबादिया को उनका पॉडकास्ट करने की इजाजत मिली है। कोर्ट ने कहा है कि उन्हें अपने शो में शालीनता बनाकर रखनी होगी।