सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना को खुशी है कि भारत तेजी से तरक्की कर रहा है। उनको लगता है कि देश के आगे बढ़ने से लोगों की आमदनी में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। लेकिन उनको लगता है कि तरक्की के बीच जो अवैध संपत्तियां तेजी से खड़ी हो रही हैं वो चिंता का बड़ा विषय है।

जस्टिस बीवी नागरत्ना का कहना है कि जो लोग आय से अधिक संपत्ति अर्जित करते हैं वो ही इस तरह की अवैध संपत्तियां बना सकते हैं। ये देश के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। जस्टिस का कहना है कि रिश्वत के जरिये संपत्ति पर संपत्ति खड़ी करती जा रहे सरकरी अफसरों के परिवार वाले आखिर क्यों नहीं बोलते। उनका कहना था कि ऐसे लोगों के परिवार वालों को ये तो पूछना चाहिए कि इतना पैसा कहां से आ रहा है।

सरकारी अधिकारी के परिजनों को रिश्वत की रकम पर जताना चाहिए विरोध

जस्टिस ने कहा कि उन्हें हैरत हो रही है कि ऐसे भ्रष्ट अफसरों के परिजन आखिर क्यों अपनी चुप्पी नहीं तोड़ते। उनका कहना था कि हम एक राष्ट्र के तौर पर तरक्की कर सकते हैं। हम खुद को एक अच्छा नागरिक भी बता सकते हैं। लेकिन हम ईमानदार नहीं हैं तो ऐसी तरक्की का अंत आखिर कहां होने वाला है। उनका कहना था कि परिवार वाले जब तक विरोध नहीं करेंगे तब तक कोई सरकारी अधिकारी रिश्वत को ना नहीं कहने वाला।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस का कहना है कि अब वो समय आ गया है जब हम मेहनत से अर्जित की गई आमदनी में से ही गुजारा करें। हमें हर उस पैसे को सिरे से नकारना होगा जो गलत तरीके से अर्जित किया गया है। उनका कहना है कि हम अभी शुरुआत करेंगे तो रिश्वतखोरी बिलकुल खत्म नहीं तो बहुत ज्यादा तेजी से कम हो जाएगी। उनका कहना था कि वो अपील करती हैं कि सभी नागरिक गलत तरीके से अर्जित पैसे को स्वीकार न करें। उनका कहना था कि हमें दृढ़ इच्छाशक्ति दिखानी होगी। हमें ये तय करना होगा कि अपनी जरूरतों को समेटकर गलत पैसे से गुरेज करें।

जस्टिस बीवी नागरत्ना एक बुक “Constitutional Ideals” लॉन्च के एक प्रोग्राम में बोल रही थीं। इसे सीनियर एडवोकेट और दक्ष फाउंडेशन के सह संस्थापक हरीश नारासप्पा और NLSIU बेंगलुरु की एसोसिएट प्रोफेसर अपर्णा चंद्रा ने लिखा है।