सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को जमानत मिल गई है। बिभव कुमार पर आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोप थे। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने बिभव कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद बिभव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हालांकि सुनवाई के दौरान सोशल मीडिया ट्रोलिंग पर भी चर्चा होने लगी और इसपर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी कर दी।

बिभव कुमार को मिल गई जमानत

सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच बिभव कुमार के जमानत मामले की सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल के वकील ने कहा कि मारपीट पर ही अपराध खत्म नहीं हुआ था और ये सोशल मीडिया पर भी अब तक जारी है। उन्होंने कहा, “याचिकाकर्ता (बिभव कुमार) और उनके समर्थक मुझे सोशल मीडिया और हर जगह ट्रोल कर रहे हैं।”

ट्रोलिंग को लेकर दी टिप्स

इसके बाद बिभव कुमार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि क्या मैं सोशल मीडिया को कंट्रोल करता हूं? उन्होंने कहा कि लॉर्डशिप जानते हैं कि कैसे हमें और न्यायाधीशों को भी ट्रोल किया जाता है। अभिषेक मनु सिंघवी की टिप्पणी पर जस्टिस भुइयां ने कहा, “ट्रोलिंग दुर्भाग्यपूर्ण है। जब हम एक के पक्ष में फैसला सुनाते हैं, तो दूसरे पक्ष की तरफ से हमें भी ट्रोल किया जाता है। गैर जिम्मेदार लोगों का एक बहुत बड़ा वर्ग है, जिसे अपने अधिकारों की जानकारी नहीं है। वे हमला करते हैं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज करना चाहिए। ट्रोल के बाद उनकी विश्वसनीयता चली जाती है।”

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बिभव कुमार को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में चार्जशीट पहले ही दाखिल की जा चुकी है। इसलिए उनकी रिहाई से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि अभी 51 से अधिक गवाहों से पूछताछ भी होने वाली है और मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लगेगा। बिभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट से शर्तों के साथ जमानत मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिभव कुमार को अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक के रूप में बहाल नहीं किया जाएगा, ना ही मुख्यमंत्री कार्यालय में उन्हें कोई आधिकारिक कार्यभार दिया जाएगा। इसके अलावा बिभव कुमार गवाहों से पूछताछ पूरी होने तक मुख्यमंत्री आवास में भी नहीं जा सकते हैं।