Supreme Court on SIR: चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के ऐलान के बाद से कई राज्यों में विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। डीएमके, सीपीआईएम, पश्चिम बंगाल कांग्रेस, टीएमसी ने चुनाव आयोग के खिलाफ याचिका लगाकर प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है। इन्हीं को लेकर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से जवाब मांगा है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को DMK, CPI(M), कांग्रेस की पश्चिम बंगाल यूनिट और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की याचिकाओं पर चुनाव आयोग (EC) से अलग-अलग जवाब मांगा है। इन राजनीतिक दलों की ओर से दायर याचिका में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया को चुनौती दी गई है।

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हाईकोर्ट को दिया ये आदेश

विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्य बागची की बेंच ने चुनाव आयोग (EC) को दो हफ्ते में इस मामले में जवाब देने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास और कलकत्ता हाई कोर्ट से भी तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में चुनावी रोल के SIR को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर किसी भी कार्रवाई को रोकने के लिए कहा।

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चुनाव आयोग ने किया था SIR का ऐलान

बता दें कि 27 अक्तूबर 2025 और फरवरी 2026 के बीच 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर का ऐलान किया गया था। गौरतलब है जिन राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हुई है, उनमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

विपक्षी दलों के याचिका में कहा गया कि एसआईआर प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 (समानता का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जीवन का अधिकार) का उल्लंघन करती हैं डीएमके का आरोप है कि यह प्रक्रिया लाखों वास्तविक मतदाताओं को मनमाने ढंग से मतदाता सूची से बाहर करने का कारण बन सकती है।

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