सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला परमबीर सिंह के वकील के यह कह जाने के बाद लिया कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त अरेस्ट के डर से भारत में ही छिपे हैं और वे सीबीआई के सामने भी पेश होने को तैयार हैं।

दरअसल परमबीर सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में संरक्षण याचिका दायर की गई थी। इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान परमबीर सिंह के वकील पुनीत बाली ने कहा कि अगर वे मुंबई आते हैं तो उनकी जान को खतरा है। इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जानी चाहिए। साथ ही वकील ने यह भी कहा कि परमबीर सिंह भारत में ही हैं और वे सीबीआई के सामने भी पेश होने को तैयार हैं।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह की गिरफ़्तारी पर रोक लगाते हुए कहा कि आरोपी जांच में शामिल होगा और उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने परमबीर सिंह के वकील के उस दलील पर हैरानी भी जताई जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें मुंबई पुलिस से जान का खतरा है। इसपर कोर्ट ने कहा कि यह काफी हैरान करने वाला है कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त को मुंबई आने और रहने में डर लगता है।

परमबीर सिंह से जुड़े मामले में अब अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 6 दिसंबर को होगी। परमबीर सिंह के खिलाफ धनउगाही के कई मामले दर्ज हैं। कोर्ट ने सभी मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त की गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि पिछले दिनों मुंबई की एक अदालत ने परमबीर सिंह को भगोड़ा भी घोषित किया था। 

बता दें कि 22 जुलाई को मुंबई पुलिस ने परमबीर सिंह, पांच अन्य पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में केस दर्ज किया था। परमबीर सिंह को इसी साल मई के महीने में आखिरी बार अपने कार्यालय में देखा गया था। इसके बाद वे छुट्टी पर चले गए थे। बीते दिनों महाराष्ट्र पुलिस ने भी बताया था कि उन्हें परमबीर सिंह के बारे में कोई जानकारी नहीं है।