पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ अब अपने सरकारी बंगले को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि उनका सामान पैक कर लिया गया है और वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ जल्द ही पेड सरकारी आवास में रहने चले जाएंगे। चंद्रचूड़, उनकी पत्नी कल्पना और बेटियां प्रियंका और माही (जो दोनों ही विकलांग हैं) नई दिल्ली के 5, कृष्ण मेनन मार्ग स्थित CJI के आधिकारिक आवास में रह रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
50वें सीजेआई के रूप में चंद्रचूड़ 8 नवंबर 2024 को रिटायर हुए थे। वह कथित तौर पर निर्धारित समय से अधिक रहने के कारण आधिकारिक बंगला खाली करने के लिए केंद्र को सुप्रीम कोर्ट प्रशासन के कम्युनिकेशन का जवाब दे रहे थे। पूर्व सीजेआई ने विवाद पर दुख जताया और अपनी बेटियों की चिकित्सा स्थिति का जिक्र किया, जिन्हें व्हीलचेयर-फ्रेंडली घर की जरूरत थी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 जुलाई को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखा था और कृष्ण मेनन मार्ग पर बंगला नंबर 5 को खाली करने को कहा था। चंद्रचूड़ को CJI पद से रिटायर हुए 8 महीने हो गए हैं। इससे पहले उन्होंने 18 दिसंबर 2024 को पूर्व CJI संजीव खन्ना को पत्र लिखा था और बंगले में 30 अप्रैल 2025 तक रहने के लिए अनुमति मांगी थी। हालांकि इसके बाद उन्हें अनुमति मिल गई थी और 5430 प्रतिमाह लाइसेंस शुल्क देने को कहा था। हालांकि इसके बाद चंद्रचूड़ ने 31 मई 2025 तक इसमें रहने के लिए मौखिक अनुरोध किया, लेकिन इस इस शर्त के साथ अनुमति दी गई कि आगे से कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा।
हमारा सामान पहले से ही पूरी तरह से पैक- चंद्रचूड़
जस्टिस चंद्रचूड़ ने बंगले में निर्धारित समय से अधिक समय तक रहने के कारणों के बारे में विस्तार से बताते हुए समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “हमने वास्तव में अपना सामान पैक कर लिया है। हमारा सामान पहले से ही पूरी तरह से पैक है। कुछ सामान पहले ही नए घर में चला गया है और कुछ यहां स्टोररूम में रखा है।”
बेटियों की स्वास्थ्य का दिया हवाला
चंद्रचूड़ ने कहा, “मैं आपको नहीं बताऊंगा कि मैं कैसा महसूस करता हूं, लेकिन आप कल्पना कर सकते हैं कि मैं इसके बारे में कैसा महसूस करता हूं। एक बात जिसका मैं जिक्र करना चाहूंगा वह यह है कि हम दो बच्चों, प्रियंका और माही के माता-पिता हैं। वे विशेष बच्चे हैं और उनकी विशेष जरूरतें हैं। उन्हें नेमालाइन मायोपैथी नामक एक बीमारी है और आप जानते हैं, यह एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है जो कंकाल की मांसपेशियों को प्रभावित करता है।”
चंद्रचूड़ ने आगे कहा, “यहां तक कि घर पर भी हम स्वच्छता, सफाई को बनाए रखते हैं और हमारे पास एक बहुत ही विशेषज्ञ नर्स है जो उनकी देखभाल करती है। तो अब यह शायद कुछ दिनों की बात है, या कुछ दिनों की नहीं, बल्कि शायद कुछ हफ्तों की। जैसे ही वे मुझे बताएंगे कि घर रहने के लिए तैयार है, मैं वहां से चला जाऊंगा।”
जस्टिस चंद्रचूड़ ने याद किया कि उनकी बड़ी बेटी प्रियंका 2021 में और जनवरी 2022 में पीजीआई चंडीगढ़ में 44 दिनों तक आईसीयू में रही थी। उन्होंने कहा, “आप जानते हैं, जब हम शिमला में छुट्टियां मना रहे थे, तो उसे तकलीफ हुई थी और अब वह वास्तव में एक ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब से जुड़ी हुई है।” जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूर्व सीजेआई न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति एन वी रमना और शीर्ष अदालत के अन्य न्यायाधीशों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें भी अपने आधिकारिक आवासों में रहने के लिए समय विस्तार दिया गया था। उन्होंने कहा कि कई अन्य न्यायाधीशों को भी अत्यावश्यकताओं या व्यक्तिगत समस्या के कारण समय का विस्तार दिया गया था।