जम्मू-कश्मीर से अर्टिकल-370 खत्म करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले में सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेगी। इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है। इसमें आर्टिकल-370 को हटाने की विस्तार से जानकारी दी गई है। बता दें कि संविधान पीठ में CJI डीवाई चंद्रचूड़ सहित जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत संविधान शामिल हैं।
केंद्र के हलफनामे में क्या?
केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट मे जो हलफनामा दाखिल किया गया है उसमें आर्टिकल-370 को हटाने के पीछे की वजहों की जानकारी दी गई है। केंद्र ने कहा कि इससे सीमा पार चल रहे आतंकवाद की कमर टूटी है। वहीं केंद्र सरकार के आम लोगों के लिए लाए गए कानूनों को लागू करने में भी आसानी हुई है। पहले इसके कारण कश्मीर के लोग कई सुविधाओं से वंचित रह रहे थे। इनका फायदा आतंकी गतिविधियों में शामिल लोग कश्मीर की जनता को गुमराह करने में उठा रहे थे।
केंद्र सरकार की ओऱ से कहा गया कि आर्टिकल-370 को हटाने से कश्मीर में इतिहास में पहली बार तांत्रिक तरीके से पंचायती राज सिस्टम वहां लागू हुआ। केंद्र ने हलफनामे में बताया कि नवंबर-दिसंबर 2020 में वहां डिस्ट्रिक्ट डिवेलेपमेंट काउंसिल के चुनाव हुए। इसके कारण ही आज 34 हजार से अधिक प्रतिनिध चुनकर आए हैं। इससे ना सिर्फ शहरी बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को काफी लाभ हुआ है। कश्मीर के लोगों को भी देश के अन्य राज्यों की तरह बराबरी के अधिकार मिले हैं। केंद्र की ओर से इस याचिका का खारिज करने का अनुरोध किया गया है। केंद्र की ओर से कहा गया है कि इस याचिका से जम्मू-कश्मीर ही नहीं बल्कि लद्दाख के लोगों को भी हित प्रभावित होगा। केंद्र ने इसे देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला भी बताया है।