सुप्रीम कोर्ट कलीजियम ने सोमवार (छह फरवरी) को नौ जजों के नामों को नौ हाई कोर्टों के चीफ जस्टिस बनाने की मंजूरी दी है उनमें एक हाई कोर्ट जज ऐसे भी हैं जिनकी पत्नी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच चल रही है। जस्टिस हेमंत गुप्ता इस समय पटना हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश हैं। गुप्ता मूलतः पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज हैं। जस्टिस गुप्ता और उनकी पत्नी इस समय ईडी की जांच के घेरे में हैं। ईडी के अनुसार गुप्ता और उनकी पत्नी अलका गुप्ता “फर्जी कंपनियां बनाकर पैसे की हेराफेरी करने में सहयोगी और लाभार्थी रहे हैं।” जस्टिस गुप्ता उस समय विवादों में घिर गये थे जब उन्होंने आरएमसी प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड की जांच कर रहे जांच अधिकारी (आईओ) गोपेश बाइदवाल को बुलाकर जांच की प्रगति के बारे में पूछताछ की थी। जस्टिस गुप्ता की पत्नी अलका गुप्ता 27 जून 2009 तक इस कंपनी में डायरेक्टर थीं।
जस्टिस गुप्ता द्वारा आईओ गोपेश से पूछताछ के बारे में सबसे पहले इंडियन एक्सप्रेस ने ही नवंबर 2015 में खबर प्रकाशित की थी। ईडी ने जस्टिस गुप्ता और अन्य को इस मामले में नोटिस भेजी है जिसका अलका गुप्ता ने विस्तार से जवाब दिया था। ईडी मुख्यालय ने पिछले साल अचानक ही मामले की जांच चंडीगढ़ से दिल्ली स्थानांतरित कर दी। मामले में जस्टिस गुप्ती की पत्नी, वकील मुकेश मित्तल एवं अन्य पर भी ईडी ने चंडीगढ़ में मामला दर्ज किया था।
इतना ही नहीं आईओ गोपेश को पिछले साल नवंबर में उनके पद से हटा दिया गया जबकि उन्होंने प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) की मियाद बढ़ाने की अर्जी दी थी। आम तौर पर जांच जारी रहने की स्थिति में आईओ की प्रतिनियुक्ति की सीमा बढ़ा दी जाती है। अब इस मामले में जांच लगभग थम गयी है। लोकेश उस समय ईडी में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर तैनात थे। लोकेश ने पद छोड़ने से पहले एक विस्तृत टिप्पणी लिखकर विभाग को सूचित किया कि जस्टिस गुप्ता और उनकी पत्नी “की पहचान फर्जी कंपनियां बनाकर पैसे की हेराफेरी करने के सहयोगी और लाभार्थी के रूप में हुई है।”
इस मामले की जांच फाइल में शामिल लोकेश का 12 पन्नों की टिप्पणी की प्रति इंडियन एक्सप्रेस के पास मौजूद है। लोकेश ने ये टिप्पणी पटना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पत्र के जवाब में तैयार की थी। हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ने लोकेश से “श्रीमती अलका गुप्ता और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट 2002 के तहत जारी जांच के संदर्भ” में लिखा था। ईडी दिल्ली के असिस्टेंट डायरेक्टर और अब इस मामले के आईओ एएच खान ने इंडियन एक्सप्रेस ने फोन पर कहा कि वो मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं है।
आईओ लोकेश द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट के अनुसार पैसे की हेराफेरी मामले में वकील मुकेश मित्तल की छह परिसंपत्तियों पर मारे गए छापे के अनुसार जो दस्तावेज मिले थे उनके अनुसार मामले में जस्टिस गुप्ता, उनकी पत्नी अलका गुप्ता और मां बिमला गुप्ता का नाम भी सामने आया था। अप्रैल 2015 में जस्टिस गुप्ता से इंडियन एक्सप्रेस को किए फोन में इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। जस्टिस मित्तल ने तब कहा था, “ये सब दस्तावेज में मौजूद है। पुलिस ने जांच करके रिपोर्ट सौंप दी है। मुझे उम्मीद है आप भी समुचित जांच करेंगे।”