शीर्ष न्यायालय ने पूर्ण अदालत (सभी न्यायाधीशों) की बैठक के एक दिन बाद और समय की कमी के कारण सुनवाई के लिए मामले सूचीबद्ध नहीं किए जाने को लेकर वकीलों और वादियों-प्रतिवादियों की चिंताओं को दूर करने के वास्ते बुधवार को नई प्रणाली पेश की।

इसके तहत सुनवाई से वंचित रह गए विविध (मिसलेनियस) मामलों को अगले दिन सूचीबद्ध किया जाएगा। शीर्ष अदालत की ओर से जारी एक परिपत्र में कहा गया है, बार के सदस्यों, पार्टी-इन-पर्सन्स (खुद से पक्ष रखने वाले याचिकाकर्ताओं) और सभी संबंधितों को यह सूचित किया जाता है कि सक्षम प्राधिकारी मंगलवार को सुनवाई के लिए नहीं लिए जा सके ‘विविध’ मामलों को अगले दिन बुधवार को सूचीबद्ध करेंगे और बुधवार को नहीं सुने गए मामलों को अगले दिन गुरुवार को सूचीबद्ध किया जाएगा। परिपत्र में कहा गया है कि इसी तरह, गुरुवार को जो ‘विविध’ मामले सुनवाई के लिए नहीं लिए जा सकेंगे, वे अगले सप्ताह मंगलवार को सूचीबद्ध किए जाएंगे।

सूत्रों के मुताबिक, लंबित मामलों की संख्या में कमी और मुकदमों को सूचीबद्ध किए जाने की नयी प्रणाली समेत विभिन्न मुद्दों पर मंगलवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) यूयू ललित की अध्यक्षता में सभी न्यायाधीशों की एक बैठक हुई थी। न्यायमूर्ति ललित के सीजेआइ का पदभार ग्रहण करने के बाद 29 अगस्त से शीर्ष अदालत में शुरू की गई नई प्रणाली के तहत वकीलों ने संबंधित पीठों द्वारा अपने मामलों के सूचीबद्ध न होने को लेकर चिंता व्यक्त की है।