सुप्रीम कोर्ट आज उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन को लेकर फैसला सुनाएगा। इस फैसले से ही तय होगा कि बुलडोजर कार्रवाई यूपी में जारी रहेगी या नहीं। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी.आर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच अपना फैसला सुनाएगी। बुलडोजर एक्शन के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद समेत अन्य याचिकाएं डाली गई थीं। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी थी।

यूपी सरकार को लगाई थी फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। एक मामले में कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर पीड़ित को 25 लाख रुपये देने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने कहा था कि किसी भी निजी संपत्ति पर कार्रवाई के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार से कहा कि लोगों को घरों के बिना नोटिस और कानूनी प्रक्रिया का पालन लिए कैसे तोड़ा जा सकता है। सरकार की ओर से कहा गया कि सड़क चौड़ीकरण के लिए ध्वस्तीकरण किया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि दिन पहले रात को आप पीले निशान लगाते हैं और अगले दिन बुलडोजर लेकर घऱ तोड़ देते हैं। लोगों को घर खाली करने का समय तक नहीं दिया गया।

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जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने दाखिल की याचिका

बुलडोजर एक्शन के खिलाफ जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने 22 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में उत्तर प्रदेश में बरेली, मुरादाबाद और प्रयागराज में हुए बुलडोजर एक्शन का जिक्र किया गया था। जमीयत का आरोप था कि BJP शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाकर बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा है। इस याचिका में 5 राज्यों की रिपोर्ट पेश की गई। कोर्ट ने तब कहा था कि बुलडोजर एक्शन के लिए गाइडलाइन बनाई जाए जिसे पूरे देश में लागू किया जा सके।