Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने अपने 75 सालों के इतिहास में पहली बार एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (ST) कैटेगरी के लिए कर्मचारियों की सीधी भर्ती और प्रमोशन में रिजर्वेशन की औपचारिक नीति लागू की है। 24 जून को सुप्रीम कोर्ट के सभी कर्मचारियों को जारी एक सर्कुलर में इस फैसले की जानकारी दी गई।
इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद में सुप्रीम कोर्ट में स्टाफ की सीधी भर्तियों और प्रमोशन में एससी कैटेगरी के लिए 15 पर्सेंट और एसटी कैटेगरी के लिए 7.5 पर्सेंट पद रिजर्व होंगे। यह व्यवस्था 23 जून 2025 से प्रभावी हो गई है। यहां पर एक बात यह भी साफ कर दें कि यह रिजर्वेशन जजों के लिए नहीं हैं बल्कि यह नीति रजिस्ट्रार,वरिष्ठ निजी सहायक, सहायक लाइब्रेरियन, जूनियर कोर्ट असिस्टेंट और चैंबर अटेंडेंट जैसे कई पदों पर लागू होगी।
हाईकोर्ट में पहले ही लागू है रिजर्वेशन
सीजेआई गवई ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था, ‘सभी सरकारी संस्थानों और कई हाईकोर्ट में पहले से ही एससी और एसटी के लिए रिजर्वेशन का प्रावधान है, तो सुप्रीम कोर्ट को इससे अलग क्यों रखा जाए? हमने कई ऐतिहासिक फैसलों में सकारात्मक कार्रवाई का समर्थन किया है और एक संस्था के रूप में हमें इसे अपने यहां भी लागू करना चाहिए। हमारे काम हमारे सिद्धांतों को दर्शाने चाहिए।’
JI गवई को याद आए अंबेडकर के शब्द
24 जून को जारी हुआ सर्कुलर
लॉ ट्रेंड की रिपोर्ट के मुताबिक, नई आरक्षण नीति के संबंध में 24 जून को सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया। इसमें सभी कर्मचारियों और रजिस्ट्रारों को बताया गया कि मॉडल आरक्षण रोस्टर और रजिस्टर सुप्रीम कोर्ट के इंटरनल नेटवर्क ‘Supnet’ पर अपलोड कर दिया गया है और यह 23 जून से प्रभाव में आ गया है। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि अगर किसी को रोस्टर या रजिस्टर में कोई गलती या खामी दिखे तो रजिस्ट्रार को इसकी जानकारी भेज दें। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन के लिए इसका लागू होना अपने आप में एक अलग शुरुआत है। सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाने के आदेश पर लगाई रोक