सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केरल पुलिस को आदेश दिया कि इंडियन नेवी के अफसरों द्वारा पत्नियों की अदला-बदली (wife swapping) के आरोपों की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई जाए। इस जांच टीम की अगुआई कोई डिप्टी आईजी रैंक का अधिकारी करे।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर की अगुआई वाली बेंच ने उस याचिका को ठुकरा दिया, जिसमें एक आरोपी नेवी अफसर की पत्नी की ओर से इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा करवाए जाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने राज्य की पुलिस से कहा कि वे इस मामले की जांच तीन महीने में पूरी करें।
बेंच ने कहा, ‘जिन हालात में यह अपराध कथित तौर पर हुआ, उसकी बेहतर जांच राज्य पुलिस ही कर सकती है।’ इससे पहले, केरल पुलिस ने दलील दी थी कि उसने इस मामले में पहले गवाहों से पूछताछ कर ली है।
कोर्ट उस नेवी अफसर की पत्नी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसकी ओर से दर्ज कराए गए एफआईआर में आरोप लगाया था कि उसके पति, चार अन्य नेवी अफसर और उनमें से एक की पत्नी वाइफ स्वैपिंग की गतिविधियों में शामिल हैं। अपनी याचिका में उसने मांग की थी कि याचिकाओं को केरल से दिल्ली हाई कोर्ट ट्रांसफर किया जाए। महिला का आरोप था कि आरोपी नेवी अफसर बेहद प्रभावशाली हैं। कोर्ट ने उसकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि महज शंकाओं के आधार पर केस को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने केरल की लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को आदेश दिया कि महिला के केस को हैंडल करने के लिए एक सीनियर एडवोकेट की तैनाती की जाए।