बड़े कारोबारी घरानों द्वारा दायर कमजोर याचिकाओं और उनकी वजह से लंबित मामलों को कम करने की कोशिश में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सहित पक्षों और बीसीसीआई सहित प्रतिपक्षियों से सुनवाई शुरू होने से पहले 50-50 लाख रूपये जमा करने के लिए कहा।

यह आदेश ऐसे समय आया है, जब अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने हाईकोर्ट से आने वाले मामलों पर फैसले के लिए प्रमुख शहरों में क्षेत्रीय पीठों के साथ राष्ट्रीय अपील अदालत के गठन के अनुरोध का विरोध करते हुए कारपोरेटों पर सुनवाई से पहले बड़ी राशि जमा कराने का सुझाव दिया है। ऐसा इसलिए ताकि टाले जा सकने वाले मामलों को हतोत्साहित किया जा सके।

क्‍या कहा कोर्ट ने?
चीफ जस्‍ट‍िस टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने कहा, ‘‘बड़े मुवक्किलों के लिए मुकदमा महंगा बनाया जाना चाहिए। अटार्नी जनरल ने गुरुवार को एक ऐसे कदम का सुझाव दिया जिसे लंबित मामलों को कम करने और मुकदमों को हतोत्साहित करने के लिए अपनाया जा सकता है। यह शुरूआत है।’’ बता दें कि बेंच कई याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी, जिनमें से कुछ स्‍टार इंडिया जबकि कुछ बीसीसीआई के थे। मामला क्रिकेट मैच की सूचनाओं पर अधिकार से जुड़े विवाद से जुड़ा हुआ था।

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