Supreme Court on Bihar SIR: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के रिवीजन यानी SIR के मुद्दे पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि रिवीजन की प्रक्रिया में आधार कार्ड को एक अतिरिक्त दस्तावेज के रूप में अनुमति देने के मामले में विचार करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि आधार कार्ड को वेरिफाई भी कराया जाए।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि आधार को पहचान के लिए 12वें निर्धारित दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन इसे नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं माना जा सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि केवल वास्तविक नागरिकों को ही मतदान करने की अनुमति होगी और जो लोग जाली दस्तावेज़ों के आधार पर अपनी पात्रता साबित करने का प्रयास करेंगे, उन्हें इससे बाहर रखा जाएगा।
वेरिफिकेशन का पता लगाने का दिया निर्देश
इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने निर्वाचन आयोग को मतदाताओं द्वारा प्रस्तुत आधार विवरण की वास्तविकता का पता लगाने का भी निर्देश दिया और कहा कि कोई नहीं चाहता कि निर्वाचन आयोग अवैध प्रवासियों को मतदाता सूची में शामिल करे। न्यायालय के निर्देश बिहार में एसआईआर प्रक्रिया को लेकर गरमागरम राजनीतिक बहस के बीच आए हैं। यह 2003 के बाद राज्य की मतदाता सूची में किया गया पहला संशोधन है।
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2003 के बाद पहली बार हो रहा SIR
इस प्रक्रिया के कारण पंजीकृत मतदाताओं की संख्या पहले ही 7.9 करोड़ से घटकर 7.24 करोड़ रह गई है, जिससे विपक्ष ने आरोप लगाया है कि यह प्रक्रिया मतदाताओं के एक वर्ग को मताधिकार से वंचित करने के लिए बनाई गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और अन्य याचिकाकर्ताओं ने दावे और आपत्तियां दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। उनका तर्क है कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम बाहर होने का खतरा है।
99.5 प्रतिशत लोगों ने जमा कर दिए दस्तावेज
चुनाव आयोग का कहना है कि इस संशोधन का उद्देश्य मृत व्यक्तियों, डुप्लिकेट प्रविष्टियों और अवैध प्रवासियों के नाम हटाकर मतदाता सूचियों को साफ़ करना है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया है कि वोटर लिस्ट को लेकर जो ड्राफ्ट आया है, उसमें शामिल बिहार के 7.24 करोड़ मतदाताओं में से 99.5 प्रतिशत ने पहले ही पात्रता संबंधी दस्तावेज़ जमा कर दिए हैं।
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