सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को पूर्व में जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुरूप तेजाब हमले के पीड़ितों के लिए मुआवजा, पुनर्वास और निशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति एम वाई इकबाल और न्यायमूर्ति सी नगप्पन के एक पीठ ने बिहार की तेजाब हमले की एक पीड़िता के मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। अदालत ने बिहार सरकार से पीड़िता को दस लाख रुपए का मुआवजा देने और सर्जरी सहित उसे निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने के लिए कहा।

पीठ ने साथ ही राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से इस तरह के पीड़ितों की हर तरह की मदद उपलब्ध कराने को कहा जैसा पूर्व के एक फैसले में भी कहा गया था। न्यायालय ने यह सब बिहार के एनजीओ परिवर्तन केंद्र की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा। याचिका में निजी अस्पतालों पर पीड़ितों का निशुल्क उपचार न करने का आरोप लगाते हुए न्यायालय से तेजाब हमले के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई है।

इससे पहले न्यायालय ने देश के सभी निजी अस्पतालों को तेजाब हमले के पीड़ितों की मदद के लिए निर्देश जारी किए थे, जिनमें दवा और महंगी सर्जरी समेत निशुल्क इलाज करना शामिल हैं। न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से ‘निजी अस्पतालों के सामने विषय उठाने’ के लिए कहा था ताकि तेजाब हमले के पीड़ितों के लिए तत्काल और उचित उपचार सुनिश्चित किया जा सके।

न्यायालय के निर्देश के मुताबिक तेजाब हमले के पीड़ित जिन अस्पतालों में पहुंचते हैं उन्हें उक्त इंसान को तेजाब हमले का पीड़ित घोषित करने के लिए एक प्रमाणपत्र या दस्तावेज देना होगा जो उसे सर्जरी सहित तमाम निशुल्क उपचार प्रदान करने की व्यवस्था करेगा। देश में तेजाब की खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से तेजाब की अनियंत्रित बिक्री रोकने के लिए उसे एक ‘अनुसूचित पदार्थ’ के तौर पर अधिसूचित करने के लिए कहा था।

’राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को दिया निर्देश
’मुआवजे देने और पुनर्वास करने को भी कहा