अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधावार को सुनवाई का आखिर दिन था। इस दौरान मुस्लिम और हिंदू पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। अब इस मामले में अगले महीने तक फैसला आ सकता है। वहीं मामले के पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड चीफ जफर अहमद फारूकी ने फैसला आने से पहले ही कबूल कर लिया है कि भगवान श्रीराम अयोध्या में ही पैदा हुए थे। उनके इस कबूलनामे का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह साफ शब्दों में राम के जन्मस्थान को लेकर जारी विवाद पर अपनी बात रख रहे हैं।
इस दौरान वह कहते हैं कि हमने कभी नहीं कहा कि यह अयोध्या वह अयोध्या नहीं है जहां राम का जन्म हुआ। हमने कभी भी इस बात को नकारा नहीं। हमने कभी भी इस बात को नहीं नकारा की राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। क्योंकि यह लोगों की आस्था का सवाल है। लेकिन वह इस विवादित जगह पर ही पैदा हुए थे इस बात को साबित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही हम हिंदूओं की आस्था का भी ख्याल रख रहे हैं। लेकिन आपको इसे समझने के लिए 1885 के दौर पर बातचीत करनी होगी।’
टाइम्स नाऊ के इस वीडियो में उन्होंने इस मामले से जुड़े कई अन्य पहलुओं पर भी अपने विचार रखें। उन्होंने कहा, ‘वहां पर तीन तरह की कंस्ट्रक्शन थी, इनमें तीन चबुतरे शामिल हैं। पहला तो राम चबुतरा, दूसरा सीती की रसोई और तीसरा है भंडारा। राम चबुतरे पर निर्मोही अखाड़ा भगवान राम की पूजा करते थे। जो मैं आपको बता रहा हूं वह प्रारंभिक चरण है।’
#EXCLUSIVE | Sunni Central Waqf Board chairman Zufar Ahmad Farooqui on camera.
‘We don’t deny that Lord Rama was born in Ayodhya’, says Zufar Ahmad Farooqui.Rahul Shivshankar with more details on it. Listen in. | #MasjidFactionForMandir pic.twitter.com/TxXjng8npv
— TIMES NOW (@TimesNow) October 16, 2019
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले की, 40वें दिन सुनवाई शुरू होने पर कहा, ‘इस मामले की सुनवाई आज शाम पांच बजे पूरी हो जाएगी। अब बहुत हो चुका।’’ कोर्न ने पहले कहा था कि सुनवाई 17 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी। अब इस समय सीमा को एक दिन पहले कर दिया गया है। प्रधान न्यायाधीश का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है।