कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ दिल्ली के सरोजनी नगर थाने में धारा 302 का मामला दर्ज किया गया है। हत्या का मामला दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस ने विशेष टीमें बना कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सुनंदा की मौत को अप्राकृतिक बताया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक उनकी हत्या या तो खाने में जहर देकर की गई या फिर जहर का इंजेक्शन देकर। इसके बाद हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। जांच के दायरे में जो भी व्यक्ति आएंगे उनसे पूछताछ की जाएगी। बीते साल 17 जनवरी को सुनंदा राजधानी के एक होटल में संदिग्ध हालत में मृत पाई गई थीं।
बस्सी ने कहा कि हमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से उनकी अंतिम मेडिकल रिपोर्ट मिली है जिसके मुताबिक उनकी मौत अप्राकृतिक है। उनकी मौत जहर से हुई। उन्हें जहर खिलाया गया या उनके शरीर में इंजेक्शन के माध्यम से पहुंचाया गया, इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि एम्स ने 29 दिसंबर को उन्हें रपट दी थी। रिपोर्ट के बाद यह तय हो गया कि सुनंदा पुष्कर ने खुदकुशी नहीं की थी बल्कि उनकी हत्या हुई थी।
इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है और जो कुछ भी जरूरी होगा और जिस किसी से भी पूछताछ की जरूरत होगी, पुलिस वैसा करेगी।
यह पूछे जाने पर कि मामला घटना के एक साल बाद क्यों दर्ज किया जा रहा है, बस्सी ने कहा कि पुलिस को शुरू में जो मेडिकल रिपोर्ट मिली थी, वह ‘अंतरिम’ थी। उन्होंने कहा कि डाक्टरों को कुछ सूचना की आवश्यकता थी जो एकत्र कर उन्हें दी गई। अब डाक्टरों ने मौजूद सूचना के आधार पर हमें कुछ निष्कर्ष दिए हैं। इसलिए उस रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज करना और आगे तहकीकात करना जरूरी था। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में यह निश्चित निष्कर्ष नहीं दिया गया है कि शरीर में जहर किस प्रकार पहुंचा।
बस्सी ने कहा कि जहर की मात्रा और प्रकृति का पता लगाने के लिए जांच भारत में नहीं संभव है, इसलिए पुलिस ने नमूने बाहर भेजने का भी फैसला किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या नए घटनाक्रम के आलोक में शशि थरूर से पूछताछ की जाएगी, बस्सी ने कहा कि अब जबकि हमने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है, तो जरूरत पड़ने पर उन सभी लोगों से पूछताछ की जाएगी जो मामले से संबंधित हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी गवाहों से एसडीएम ने पूछताछ की थी। इसलिए सभी प्रासंगिक गवाहों से एसडीएम के अलावा हमने भी सीआरपीसी की धारा 174 के तहत पूछताछ की थी। अब जब हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है, तो मामले से जुड़े सभी लोग पूछताछ के दायरे में आएंगे। आयुक्त ने कहा कि जांचकर्ताओं ने मामला दाखिल करने में ज्यादा समय नहीं लिया क्योंकि पर्याप्त जांच की जरूरत थी जो हमने समय की मांग के मुताबिक की। जांच में कई बातें होती हैं। लेकिन किसी नतीजे पर पहुंचे बिना, मैं आपके सामने कोई बात नहीं बता सकता।