कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में बग़ावत के बाद अब इन क़ानूनों के विरोध में नेताओं ने दल बदलने भी शुरू कर दिये हैं। तरणतारण भाजपा के पूर्व अध्यक्ष आर पी एस मैनी शिरोमणि अकाली दल (SAD) अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की उपस्थिति में एसएडी में शामिल हो गए हैं।

पेशे से वकील मैनी 2002 में भाजपा में शामिल हुए थे। वह 2009 से 2014 तक तरणतारण जिला अध्यक्ष और 2017 तक राज्य इकाई के पार्टी प्रवक्ता बने रहे। मैनी ने कहा कि उन्होंने जम्मू और कश्मीर में पंजाबी भाषा के प्रति ‘भेदभावपूर्ण’ रवैये और हाल ही में लागू किए गए कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा से इस्तीफा दिया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पंजाब से मुंह मोड़ लिया है। मैनी ने कहा कि बीजेपी में सिर्फ ऊपर बैठे लोग ही फैसले लेते हैं और उनका चुपचाप पालन किया जाता है। मैनी ने बताया कि यहां तक ​​कि पंजाब बीजेपी इकाई की भी केंद्र में कोई नहीं सुनता।

मैनी का एसएडी में स्वागत करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि भाजपा के साथ साझेदारी खत्म करने के साथ अब पार्टी राज्य के सभी 117 निर्वाचन क्षेत्रों में काम करेगी और अपने आप को मजबूत करेंगे। एसएडी अध्यक्ष ने रविवार को पंजाब में मालगाड़ियों के निरस्तीकरण पर केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों को “दुश्मन” मान रही है जो बेहद गलत है।

उन्होंने कहा “किसानों ने कानूनों को निरस्त करने के लिए ‘रेल रोको’ आंदोलन किया था। लेकिन अब किसानों द्वारा रेल पटरियों को को खाली किए हुए एक सप्ताह से अधिक समय हो चुका है। लेकिन इसके बाद भी केंद्र सरकार एक के बाद एक बहाने बना रही है और ट्रेनों को फिर से शुरू नहीं कर रही।” बादल ने कहा कि लोकतंत्र में ऐसा आचरण उचित नहीं है।

रेलवे ने शनिवार को पंजाब में सेवाओं को फिर से शुरू करने से इनकार कर दिया था। रेलवे ने कहा था कि वह यात्री और मालगाड़ी, दोनों सेवाओं का परिचालन करेंगे या किसी का भी नहीं करेंगे। आंदोलनकारी किसान 40 दिन तक रेल पटरियों पर धरना देने के बाद पटरियों से हट गए हैं और वे केवल मालगाड़ियां चलाने की छूट देने को तैयार हैं। पंजाब में नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसके चलते किसानों ने ‘रेल रोको’ आंदोलन करते हुए पटरियों पर चक्का जाम किया था। राज्य में 24 सितंबर से ट्रेनों का परिचालन बंद है।