अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि अगर किसानों को मंजूर नहीं है तो सरकार ने जो कानून बनाए उन्हें वापस क्यों नहीं ले लेती। बादल ने कहा, मोदी इन कानूनों को वापस ले लेते हैं तो वह और बड़े नेता बन जाएंगे। उनका कहना है कि हर पीएम कोई न कोई गलती करता है। लेकिन जो अपनी गलती मान लेता है तो वह और भी स्वीकार्य व्यक्ति बन जाता है।
बादल का कहना है कि सरकार कह रही है कि किसान आंदोलन के पीछे केवल पंजाब के लोग हैं। पंजाब देश को 60% खाद्यान्न मुहैया कराता है। अगर कृषि को लेकर कोई गलत कानून बनेगा तो यहां के लोग ही विरोध करेंगे। अगर कानून कोयला या स्टील को लेकर होता तो झारखंड के लोग विरोध में खड़े होते। उस समय पंजाब के लोग क्यों विरोध में दिल्ली की सीमा तक जाते। उनका कहना है कि भारत जैसे देश में एक ऐसे पीएम की जरूरत है जो स्थिति को संभाल सके, न कि अपनी चीजें लोगों पर थोपे।
उनका कहना है कि अपने फैसलों के मामलों में मोदी बहुत ज्यादा अड़ियल हैं। वह अपने फैसले से पीछे नहीं हटते। लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह के फैसले मंजूर नहीं किए जाते। इस तरह का बर्ताव पुतिन जैसे तानाशाह दिखाते हैं। उनका कहना है कि किसानों के पास आंदोलन के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा। चोट उनकी रोजी रोटी पर है, इस वजह से आंदोलन लंबा खिंच रहा है। अब यह आंदोलन एक सूबे से दूसरे सूबे तक फैलता जा रहा है। हर किसान अपने दिल से मानता है कि ये तीनों कानून गलत हैं।
एक सवाल के जवाब में बादल ने कहा कि किसान आंदोलन में विदेशी हाथ की बात कहना चीजों को भटकाने जैसा है। धरने में बैठे किसान गरीब हैं। वहां महिलाएं भी हैं। उनका कहना है कि मोदी सरकार के जो हक में बोलता है वह तो देशभक्त है लेकिन जो उनके खिलाफ बोले, उसे देशद्रोही की संज्ञा दे दी जाती है। इन किसानों को खालिस्तानी तक कहा गया। उनका कहना है कि ये कानून न तो किसानों के लिए नए रोजगार सृजित करते हैं और न ही उनकी आय को बढ़ाने का कोई वादा।
उनका कहना है कि पंजाब में देश के सबसे अच्छा मंडी और खरीद सिस्टम है। उनका सवाल था कि मोदी सरकार पंजाब मॉडल को पूरे देश में क्यों नहीं लागू करती। उनका मानना है कि पंजाब में निजी कंपनियां आकर फसलों की खरीद करती हैं। लेकिन सरकार की आंख के नीचे। सुखबीर के मुताबिक, कृषि क्षेत्र में सुधार की जरूरत है, लेकिन किताबी नहीं बल्कि व्यवहारिक। उनका कहना है कि ये कानून नौकरशाही ने तैयार किए। उन्हें चर्चा के लिए बुलाया तक नहीं गया। उनका सवाल था कि सेना और पुलिस को मोदी सरकार निजी हाथों में क्यों नहीं सौंप देती।
एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि अमरिंदर सरकार ने प्रदेश को बर्बाद करने का काम किया है। असेंबली चुनाव के लिए अकाली दल पंजाब मांगता जवाब थीम के तहत काम कर रही है। निकाय चुनाव पर उनका कहना था कि सरकार ने मशीनरी का इस्तेमाल करके लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया। उनका कहना है कि अकाली दल सभी का भला की थीम पर काम करती है। सुखबीर के मुताबिक 2022 के असेंबली चुनाव में अकाली दल एकतरफा जीत हासिल करेगा। कांग्रेस पूरी तरह से साफ हो जाएगी।