पाकिस्तानी चीनी के खिलाफ महाराष्ट्र में कई राजनीतिक पार्टियों ने मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और एनसीपी कार्यकर्ताओं ने नवी मुंबई में पाकिस्तानी चीनी को तहस-नहस कर दिया। कई बोरियों को फाड़ कर उसमे रखी चीनी ज़मीन पर फेंक दी गईं। महाराष्ट्र की लगभग सभी पार्टियों ने पाकिस्तानी चीनी का विरोध किया है। राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) का कहना है कि सरकार के इस कदम से घरेलू गन्ना किसानों को नुकसान पहुंचेगा और उनका लाभ कम होगा। मनसे के नवी मुंबई इकाई के प्रमुख गजानन काले ने कहा कि देश में चीनी का उत्पादन पहले से ही अधिक है। अगर इसके बाद भी भारत सरकार पाकिस्तान से चीनी आयात करती है तो ये देश के गन्ना किसानों के लिए सही नहीं है, हम पाकिस्तानी से चीनी के आयात के खिलाफ हैं। मनसे नेताओं ने थोक व्यापारियों को पाकिस्तानी चीनी वितरित करने के खिलाफ चेतावनी भी दी है।
इधर पाकिस्तानी शक्कर का विरोध कर रहे एनसीपी कार्यकर्ता कल्याण के पास दहिसर मोरी इलाके में एक शक्कर गोदाम में पहुंचे औऱ वहां रखी शक्कर की बोरियों को फाड़ कर उसे गिरा दिया। एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड खुद पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ गोदाम में पहुंचे थे। विधायक ने कहा कि पहले से ही ढाई लाख मेट्रिक टन शक्कर गोदाम में पड़ा हुआ है। इसके बाद भी सरकार ने पाकिस्तान से शक्कर क्यों मंगवाई? एनसीपी का कहना है कि ना पाकिस्तानी चीनी बांटने दी जाएगी और ना ही बेचने दिया जाएगा। इनका कहना है कि जब देश में गन्ना किसान हैं तो फिर पाकिस्तान से चीनी क्यों आ रही है?
केंद्र सरकार ने करीब 60 लाख मीट्रिक टन शक्कर पाकिस्तान से इम्पोर्ट कर नवी मुंबई एपीएमसी मार्केट में मंगवायी है। एनसीपी का कहना है कि ढाई लाख मीट्रिक टन शक्कर गोदाम में पड़ा हुआ फिर भी केद्र सरकार ने पाकिस्तान से शक्कर मंगवाई। इस बार पाकिस्तान में शक्कर का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। 15 लाख टन से ज्यादा शक्कर के उत्पादन के बाद अब पाकिस्तान विभिन्न मुल्कों में शक्कर की खेप निर्यात करना चाहता है। इसके लिए पाकिस्तान ने ने निर्यात में काफी छूट भी दे रखी है।

