15 दिनों से देश में किसानों का आंदोलन चल रहा है। ऐसे में सुधीर चौधरी का एक पोस्ट सामने आया है जिसमें वह लोकतंत्र की बात कर रहे हैं। देश में लोकतंत्र को लेकर वह कहते हैं कि लोकतंत्र अच्छा है लेकिन जरूरत से ज्यादा लोकतंत्र बहुत मीठा हो जाता है जो कि डाइबिटीज भी दे सकता है। सुधीर चौधरी ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कैप्शन में लिखा- ‘लोकतंत्र की अति से देश को क्षति ?ज़रूरत से ज़्यादा मीठा लोकतंत्र देश को diabetes दे देगा। भारत को एक सख़्त डॉक्टर चाहिए लेकिन लोग मिठाईवाला को तलाश रहे हैं।’

वीडियो में सुधीर चौधरी कहते हैं- ‘कई बार लोकतंत्र के नाम पर देश में बड़े बड़े फैसले जनता के मूड को आधार बना कर ले लिए जाते हैं। चाहे उनमें मैरेट हो या न हो। इसलिए ये समझने का दिन है कि देश में कोई भी बड़ा फैसला जनता के मूड के आधार पर लिया जाएगा या मैरेट के आधार पर? जरूरत से ज्यादा लोकतंत्र की आड़ में शहरों को बंधन बनाने की कोशिश हो रही है।’

उन्होंने आगे कहा-‘ हमें सड़कों को जाम करने की आजादी है, हाइवेज बंद करने की आजादी है, भारत बंद करने की आजादी हैा दफ्तरों और बाजारों को बंद करा देंगे, ये सब कुछ हो रहा है लोकतंत्र के नाम पर। अगर भारत की संसद द्वारा बनाया गया कानून एक बार सरकार ने वापस लिया तो फिर हर कानून को ऐसे ही वापस लेने का दबाब बढ़ता जाएगा।’

सुधीर चौधरी ने आगे कहा-‘ हो सकता है हमें लोकतंत्र विरोधी बताया जाएगा। लेकिन गंभीर समस्याओं के सरल जवाब तलाशने की हमारी जिद्द है। ये आज हमारे देश को इस मोहाने पर ले आई है जहा से हम हर सुधार का, हर नई बात का हर नए कानून का विरोध करते है। यहीं से एक ऐसी व्यवस्था का जन्म होता है जिसे कहा तो जाता है कि ये लोकतंत्र है लेकिन ये लोकतंत्र धीरे धीरे, जरूरत से ज्यादा लोकतंत्र में बदल जाता है। यानी ये जरूरत से ज्यादा मीठा हो जाता है। ये इतना मीठा हो जाता है कि देश को डायबिटीज दे देता है।’