लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए बनाए गए इंडिया गठबंधन ने 14 पत्रकारों के कार्यक्रमों में अपने नेताओं को नहीं भेजने का फैसला लिया है। कांग्रेस पार्टी के नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट इंडिया मीडिया कमेटी के इस फैसले की जानकारी दी। इंडिया मीडिया कमेटी ने गुरुवार दोपहर फैसला किया कि उनकी तरफ से सुधीर चौधरी, अर्णब गोस्वामी सहित कुल 14 पत्रकारों के शो में कोई भी प्रतिनिधि हिस्सा नहीं लेगा।
- अदिति त्यागी
- अमन चोपड़ा
- अमिष देवगन
- आनंद नरसिम्हा
- अर्णब गोस्वामी
- अशोक श्रीवास्तव
- चित्रा त्रिपाठी
- गौरव सावंत
- नवीका कुमार
- प्राची पराशर
- रूबिका लियाकत
- शिव अरूर
- सुधीर चौधरी
- सुशांत सिन्हा
क्या बोले पत्रकार?
इंडिया गठबंधन की लिस्ट सामने आने के बाद सुधीर चौधरी ने X पर लिखा, “I.N.D.I.A गठबन्धन ने उन पत्रकारों की लिस्ट जारी की है जिन्होंने ‘चरण चुंबक’ बनने से इनकार कर दिया। अब इनका बहिष्कार किया जाएगा। अब देखना ये है कि भारत का मीडिया इसका क्या जवाब देता है।”
पत्रकार आदित्य राज कौल ने X पर लिखा, “कांग्रेस की बैन लिस्ट में नाम होने पर शिव अरूर, गौरव सावंत, रुबिका लियाकत, अदिति त्यागी, अमन चोपड़ा, आनंद नरसिम्हा, सुशांत सिन्हा, मेरे पूर्व बॉस अर्णब गोस्वामी, नवीका कुमार और अन्य को शुभकामनाएं। किसी ने मुझे मैसेज भेजा कि तुम्हें बुरा महसूस नहीं करना चाहिए। तुम लश्कर ए तैय्यबा की लिस्ट में हो।”
NUJ ने जताई आपत्ति
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने विपक्षी गठबंधन द्वारा पत्रकारों के नाम की लिस्ट जारी करने पर आपत्ति जताई है। NUJ के अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा उठाया दया यह कदम भारत के लोकतांत्रिक इतिबास में मीडिया के ऊपर दमन का सबसे काला अध्याय है। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ने मीडिया का भी राजनीतिकरण कर दिया है। ये सर्वथा अनुचित और अस्वीकार्य है। ये इन दलों में लोकतांत्रिक मूल्यों की भारी कमी को भी दर्शाता है।
विपक्ष ने क्यों लिया यह फैसला?
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख और विपक्षी गठबंधन की मीडिया समिति के सदस्य पवन खेड़ा ने कहा, “रोज शाम पांच बजे से कुछ चैनल पर नफरत की दुकानें सजाई जाती हैं। हम नफरत के बाजार के ग्राहक नहीं बनेंगे। हमारा उद्देश्य है ‘नफ़रत मुक्त भारत’।” उन्होंने यह भी कहा, “बड़े भारी मन से यह निर्णय लिया गया कि कुछ एंकर के शो व कार्यक्रमों में हम भागीदार नहीं बनें। हमारे नेताओं के ख़िलाफ़ अनर्गल टिप्पणियां, फेक न्यूज़ से हम लड़ते आए हैं और लड़ते रहेंगे, लेकिन समाज में नफ़रत नहीं फैलने देंगे। मिटेगी नफ़रत, जीतेगी मुहब्बत।”
BJP ने आपातकाल से तुलना की
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने विपक्षी दलों के गठबंधन के इस कदम की तुलना आपातकाल से की। उन्होंने X पर पोस्ट किया, “भारत में नागरिक स्वतंत्रता में कटौती का एकमात्र उदाहरण हमने 1975 में आपातकाल के दौरान देखा है। सनातन धर्म को खत्म करने के लिए खुला आह्वान, पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी और मीडिया का बहिष्कार आपातकाल के उन अंधकारमय दिनों की राजनीति को दर्शाता है। I.N.D.I. एलायंस’ का असली चेहरा।”