भाजपा के फायरब्रांड नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ शशि थरूर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। थरूर ने ट्वीट कर कहा कि पोस्टमार्टम के दौरान थरूर एम्स में मौजूद थे। स्वामी ने एम्स के मेडिकल बोर्ड के चीफ डॉ. सुधीर गुप्ता को देशभक्त भी करार दे दिया। स्वामी ने कहा कि ‘देशभक्त’ गुप्ता ने थरूर के मुताबिक सुनंदा की मौत को ‘प्राकृतिक’ करार देने से मना कर दिया। उन्होंने लिखा, ”पोस्टमॉर्टम वाले दिन थरूर एम्स में थे। क्यों ? सुनंदा की मौत को ‘प्राकृतिक’ बनाने के लिए। देशभक्त डॉ. गुप्ता ने ऐसा करने से मना कर दिया।” स्वामी ने एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा एम्स से इस संबंध में मांगी गई सूचना का फोटो भी शेयर किया। जिसके जवाब में एम्स ने कहा कि ‘सूचना तीसरे पक्ष से संबंधित है। नजदीकी रिश्तेदारों को छोड़कर किसी और को यह सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है।’
17 जनवरी, 2014 को दक्षिण दिल्ली के पांच सितारा होटल के एक कमरे में 51 वर्षीय सुनंदा मृत पाई गई थीं। केरल में तिरूवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद थरूर के साथ मेहर के कथित प्रेम सम्बंधों को लेकर एक दिन पहले ही ट्विटर पर सुनंदा का मेहर के साथ विवाद हुआ था। इस संबंध में मेहर से एसआईटी ने पूछताछ की थी। सुनंदा के विसरा पर एफबीआई रिपोर्ट पर एम्स मेडिकल बोर्ड की राय के निष्कर्ष और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्यों के आलोक में शशि थरूर से भी पूछताछ की गई थी। तत्कालीन दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा था, ‘सवाल दवा एलप्रैक्स और लोडिकेन के स्रोत के इर्द-गिर्द था, जो सुनंदा के पेट में पाया गया था।’ ऐसा समझा जाता है कि इसने जहर बनने में योगदान दिया जिससे उनकी मौत हुई। थरूर ने हालांकि, अब तक कहा है कि सुनंदा की मौत में कोई गड़बड़ी नहीं है।
Tharoor in AIIMS on post mortem day. Why? To make Sunanda's death "natural". Patriot Dr Gupta refused to oblige pic.twitter.com/RVLGTsz60u
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 9, 2016
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 9, 2016
फरवरी 2015 में पुलिस ने सुनंदा के विसरा का नमूना और होटल के कमरे से बरामद अन्य साक्ष्य को अमेरिका में एक एफबीआई प्रयोगशाला भेजा था। उसने पिछले साल नवंबर में दिल्ली पुलिस को अपनी रिपोर्ट भेजी। हालांकि, रिपोर्ट सुनंदा की मौत के इर्द-गिर्द रहस्य को साफ करने में विफल रही और इसे एम्स मेडिकल बोर्ड के पास उसकी राय के लिए भेज दिया गया।
बोर्ड की अध्यक्षता डॉ. सुधीर गुप्ता ने की। वह संस्थान के फॉरेंसिक साइंस विभाग के प्रमुख हैं। उन्होंने दावा किया कि एफबीआई रिपोर्ट ने सुनंदा की ऑटोप्सी रिपोर्ट का समर्थन किया, जिसे एम्स में किया गया था।