भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू पर तंज कसा है और लिखा है कि उन्होंने पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ सालभर पहले एक चिट्ठी लिखी थी लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्वामी ने लिखा है, “पी चिदंबरम संसद द्वारा नियुक्त गृह मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष हैं। मैंने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को एक साल पहले एक चिट्ठी लिखी थी। वह अभी तक उसे पढ़ ही रहे हैं।” बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब बीजेपी सांसद ने अपनी ही पार्टी के नेताओं या मोदी सरकार पर उंगली उठाई हो। कई मौकों पर वो सरकार को घरेते रहे हैं।
स्वामी पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली पर अक्सर हमलावर रहे हैं और उनकी नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी वो निशाना साध चुके हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम से उनकी राजनीतिक रंजिश पुरानी है। स्वामी पी चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति चिदंबरम औप पत्नी नलिनी चिदंबरम के खिलाफ धनशोधन और भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं। आईएनएक्स मीडिया केस में भी स्वामी चिदंबरम पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। केंद्र सरकार ने एयरसेल मैक्सिस केस में भी चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे रखी है। मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी ईडी उनसे पूछताछ करना चाह रही है, जबकि बेटे से कई बार पूछताछ की जा चुकी है।
स्वामी का मानना है कि गृह मंत्रालय की संसदीय समिति उच्च अधिकार प्राप्त समिति है, जिसके अध्यक्ष चिदंबरम हैं, लिहाजा वो अपने खिलाफ लगे आरोपों में पद का दुरुपयोग कर सकते हैं। स्वामी ने पत्र लिखकर राज्यसभा सभापति से चिदंबरम को हटाने की मांग की थी। स्वामी इनके अलावा गांधी परिवार के खिलाफ भी सक्रिय रहे हैं। इनके अलावा हाल ही में इनकम टैक्स के कमिश्नर को जबरन रिटायर किए जाने के खिलाफ भी उनकी पैरबी करने की बात कह चुके हैं।
