गायों की संख्या का स्थिरीकरण सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकरण सृजित करने और गोहत्या के मामले में मौत की सजा के प्रावधान वाला एक निजी विधेयक शुक्रवार को राज्यसभा में पेश किया गया। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को उच्च सदन में गो संरक्षण विधेयक, 2017 पेश किया। इस विधेयक में गायों की संख्या का स्थिरीकरण सुनिश्चित करने और गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए संविधान के अनुच्छेदों 37 और 48 का अनुपालन सुझाने के लिए एक प्राधिकरण सृजित करने का भी प्रावधान किया गया है। शिअद नेता नरेश गुजराल ने संसद (उत्पादकता में वृद्धि) विधेयक, 2017 पेश किया। इस विधेयक में संसद में व्यवधान के कारण आई उत्पादकता में आई कमी पर विधिक ढांचे के माध्यम से रोक लगाने और उसका समाधान खोजने की बात की गई है।
गुजराल के इस निजी विधेयक में एक साल में संसद के सत्रों के दिवसों की न्यूनतम संख्या तय करने, मौजूदा तीन सत्रों के अतिरिक्त विशेष सत्र शुरू करने, व्यवधान के दौरान बर्बाद समय की क्षतिपूर्ति किए जाने पर भी बल दिया गया है। वहीं आज उच्च सदन में कुल छह निजी विधेयक पेश किए गए।उपसभापति पीजे बाकी कुरियन ने यह विधेयक पेश किए जाने पर कहा कि उनकी राय तो यह है कि सदन में व्यवधान ही नहीं हो। उन्होंने कहा कि पहले संसद की कार्यवाही 100 दिनों से भी ज्यादा चलती थी। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद गैर-सरकारी कामकाज होता है।
इसके तहत शुक्रवार को कुल छह निजी विधेयक पेश किए गए। स्वामी और गुजराल के अलावा राकांपा की वंदना चव्हाण, तृणमूल कांग्रेस के कंवर दीप सिंह, कांग्रेस के पलवई गोवर्धन रेड्डी और भाजपा के प्रभात झा ने भी एक एक निजी विधेयक पेश किए। वंदना चव्हाण ने शिक्षा संबंधी विशेष नि:शक्तता से ग्रस्त बालक (पहचान एवं शिक्षा में सहायता) विधेयक, 2016 पेश किया वहीं कंवर दीप सिंह ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान/संशोधन विधेयक, 2016 पेश किया। रेड्डी ने संविधान संशोधन विधेयक, 2016 (दसवीं अनुसूची का संशोधन) पेश किया वहीं प्रभात झा ने संविधान संशोधन विधेयक, 2017 (अनुच्छेद 51 क का संशोधन) पेश किया।