बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार में ईमानदार अफसरों की उपेक्षा का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि एक विशिष्ट प्रक्रिया के जरिए ईमानदार अफसरों को पदोन्नति से रोकने की कोशिश हो रही है। इसके लिए सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार(24 मई) को ट्वीट कर लिखा-प्रधानमंत्री की नौकरशाही 360 डिग्री प्रोफाइलिंग की खराब प्रक्रिया से ईमानदार अफसरों को प्रमोशन से दूर कर रही है, जबकि योग्यता ही एकमात्र क्राइटेरिया होनी चाहिए। मै इस विध्वंसक प्रक्रिया को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री को लिखूंगा।

उनके इस ट्वीट पर विपुल सक्सेना नामक पूर्व पायलट ने भी समर्थन किया और कहा कि 360 डिग्री प्रोफाइलिंग अब वैश्विक स्तर से चलन से बाहर हो चुकी है।वजह कि स्कोर अर्जित करने के इसके टूल्स पर सवाल उठते हैं। इस पर सुब्रमण्यन स्वामी ने विपुल से कहा-क्या कोई आर्टिकल इस बाबत छपा है, जिस पर विपुल ने फोर्ब्स का एक आर्टिकलस शेयर किया, जिसमें 360 डिग्री फीडबैक प्रोग्राम के फेल होने के पीछे सात कारण गिनाए गए।

बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार में ईमानदार अफसरों की उपेक्षा का लगाया आरोप।

बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्र में अफसरों की तैनाती और प्रमोशन में 360 डिग्री परीक्षण फार्मूला लागू किया है।इसके तहत सरकारी सेवा में आने के बाद से संबंधित अधिकारी के कार्य करने के तौर-तरीकों, अधीनस्थों के प्रति व्यवहार, नेतृत्व क्षमता, ईमानदारी आदि का एक स्वतंत्र समिति परीक्षण करती है। फिर यह समिति अपनी रिपोर्ट कैबिनेट समिति को देती है। जिसके आधार पर अधिकारियों की तैनाती और प्रमोशन का फैसला होता है। मगर इस सिस्टम का अंदरखाने विरोध शुरू हो रहा है। कुछ अफसरों के मुताबिक 360 डिग्री परीक्षण व्यवस्था में कुछ टूल्स के जरिए अंक प्रदान किए जाते हैं। मगर इसमें पारदर्शिता संदेह के घेरे में होती है।

बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार में ईमानदार अफसरों की उपेक्षा का लगाया आरोप।

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