कक्षा 6 से 12 तक के 73 फीसद विद्यार्थी अपने स्कूली जीवन से संतुष्ट हैं जबकि 33 फीसद विद्यार्थी ज्यादातर समय दबाव में रहते हैं। ये तथ्य राष्ट्रीय शैक्षिक अनुंसधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में सामने आए हैं।

यह सर्वेक्षण 23 से 26 मार्च के बीच किया गया था। मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक पढ़ाई, परीक्षा, परिणाम स्कूली विद्यार्थियों के बीच चिंता के प्रमुख कारण हैं और ऐसा कहने वाले विद्यार्थियों की संख्या 81 फीसद है। सर्वेक्षण में शामिल 51 फीसद स्कूली विद्यार्थियों को आनलाइन सामग्री सीखने में दिक्कत होती है, 28 फीसद से अधिक छात्र प्रश्न पूछने में झिझकते हैं।

वहीं, 29 फीसद स्कूली विद्यार्थियों में एकाग्रता का अभाव, 43 फीसद विद्यार्थियों का मिजाज बदलता रहता है। एनसीईआरटी ने इस सर्वेक्षण के दौरान 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 3.79 लाख विद्यार्थियों से बात की थी।