भारत में लोगों में पढ़ाई के प्रति जागरुकता बढ़ी है इसको दिखाने के लिए आंकड़े आए हैं। 2001 से 2011 की इस जनगणना के मुताबिक, 5-19 साल के पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 30 प्रतिशत बढ़ गई है। यह आंकड़े 2001 से 2011 के बीच के हैं। हालांकि, हर धर्म में शिक्षा के प्रति रुचि बराबर नहीं है।

आंकड़ों से पता लगता है कि मुस्लिम लोगों में शिक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ी है। पिछली जनगणना के मुकाबले अब 4-19 साल के 44 प्रतिशत ज्यादा बच्चे पढ़ रहे है। इसमें लड़कियों का आकंड़ा 30 प्रतिशत हो गया है। हालांकि, अभी भी यह हिंदू के 73 प्रतिशत, जैन के 88 प्रतिशत से कम ही है।

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भारत में 20-29 साल के 20 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो काम की तलाश में हैं। इसमें ईसाइयों में बेरोजगारी का प्रतिशत पिछली जनगणना के मुकाबले 26 प्रतिशत बढ़ गया है। यह चिंताजनक इसलिए भी है क्योंकि ईसाई धर्म के लोग पिछली जनगणना में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे थे। तब 5-19 साल के 71 प्रतिशत बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। इसबार की जनगणना के मुताबिक ईसाई धर्म के 80 प्रतिशत बच्चे पढ़ रहे हैं।

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जैन धर्म को छोड़कर सभी का आंकड़ा पिछली जनगणना के मुकाबले सुधरा है। जैन धर्म में पढ़ रहे बच्चों की संख्या इस बार 10 प्रतिशत गिर गई है।