केरल के वायनाड में स्थित वेटनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के एक छात्र की हॉस्टल में मौत हो गई। इस मामले में पुलिस की रिपोर्ट बताती है कि छात्र की बेरहमी से पिटाई के कारण मौत हुई है। 18 फरवरी को कॉलेज के हॉस्टल के बाथरूम में 20 वर्षीय छात्र सिद्धार्थन का शव लटकता हुआ मिला था। पुलिस ने इस मामले में 18 आरोपियों को हिरासत में लिया है।
छात्र संगठन कर रहे आंदोलन
मौत के बाद से कैंपस में तनाव बना हुआ है और कांग्रेस और बीजेपी से जुड़े छात्र संगठनों ने कई विरोध प्रदर्शन किए हैं। केरल में कांग्रेस की छात्र शाखा केरल छात्र संघ (KSU) ने परिसर में अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया है।
पुलिस ने मामले में 18 छात्रों को आत्महत्या के लिए उकसाने, गलत तरीके से रोकने और खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाने से संबंधित आईपीसी की धाराओं के साथ-साथ केरल निषेध रैगिंग अधिनियम की धाराओं के तहत हिरासत में लिया है। शनिवार को 7 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई।
इस घटना के कारण कॉलेज सुर्खियों में है। यहां पहले से ही एसएफआई पर छात्रों की शिकायतों से निपटने के लिए एक समानांतर अदालत चलाने का आरोप है। पुरुष छात्रावास में 130 छात्र रहते हैं और सभी सेकंड ईयर और उससे ऊपर के छात्र हैं। छात्रावास में जगह की कमी के कारण फर्स्ट ईयर के लड़के और लड़कियों दोनों को परिसर के बाहर रखा जाता है।
मॉब ट्रायल चलाया SFI ने- एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्य का बयान
कॉलेज एंटी-रैगिंग कमेटी के एक सदस्य ने कहा कि सिद्धार्थन के साथ जो हुआ वह रैगिंग नहीं, बल्कि एक मॉब ट्रायल था। उन्होंने कहा, “पीड़ित दूसरे वर्ष का छात्र है और कुछ आरोपी उसके अपने सहपाठी हैं। अन्य उससे सीनियर हैं। इस वर्ष इस स्तर पर रैगिंग का कोई सवाल ही नहीं है। परिसर में जो हुआ वह भीड़ द्वारा किया गया हमला है।”
एक अन्य सदस्य ने कहा, “इस स्तर पर कोई भी रैगिंग की उम्मीद नहीं कर सकता है। यह एसएफआई से जुड़े एक गिरोह द्वारा किया गया मॉब ट्रायल और हमला है।” एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष पी एम अर्शो ने कहा कि संगठन ने अपने चार सदस्यों को बर्खास्त कर दिया है जिन्हें मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा, “छात्रों के बीच मुद्दों को राजनीतिक रंग देने का एक जानबूझकर प्रयास किया जा रहा है। हम ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में शामिल कार्यकर्ताओं को कोई सुरक्षा नहीं देते हैं। छात्र की आत्महत्या की विस्तृत जांच की जानी चाहिए और सभी आरोपी व्यक्तियों को सजा दी जानी चाहिए।”